यूरोप में खोजे गए कांस्य युग के सबसे बड़े सोने के भंडारों में से एक ‘विलेना के खजाने’ को लेकर बड़ी खबर आई है. इस खजाने में सोने, चांदी, लोहे और एम्बर से बनी 59 बेशकीमती वस्तुएं हैं. ताजा विश्लेषण में पता चला है कि इस खजाने में मिली धातु पृथ्वी से बाहर की हैं.
ट्रैबजोस डी प्रीहिस्टोरिया जर्नल में प्रकाशित नए शोध में कहा गया है कि दो कलाकृतियां, उस धातु का उपयोग करके बनाई गई थीं, जो करीब 10 लाख साल पहले हमारे ग्रह से टकराई एक उल्कापिंड से आई थी. स्पैनिश अखबार एल पेस के अनुसार, इस विश्लेषण में लोहे के दो टुकड़ों का अध्ययन किया गया- एक खोखला सी-आकार का कंगन जो सोने की चादर से ढका हुआ था और एक खुला कंगन था. इन दोनों का काल 1,400 से 1,200 ईसा पूर्व के बीच का है. यह गौर करने वाली बात यह कै कि यह वक्त लौह युग शुरू होने से पहले था.
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लाइव साइंस के मुताबिक, इस स्टडी के वरिष्ठ लेखक इग्नासियो मोंटेरो रुइज़ ने बताया, ‘सोने और लोहे के बीच संबंध महत्वपूर्ण है, क्योंकि दोनों तत्वों का एक बड़ा प्रतीकात्मक और सामाजिक मूल्य है. इस मामले में, [कलाकृतियां]… संभवतः छिपा हुआ खजाना था, जो किसी एक व्यक्ति का नहीं बल्कि पूरे समुदाय का हो सकता है. इस ऐतिहासिक काल के दौरान आइबेरियन प्रायद्वीप में कोई राज्य नहीं था.’
शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में धातु पर मास स्पेक्ट्रोमेट्री का उपयोग किया और पाया कि लौह-निकल मिश्र धातु के निशान उल्कापिंड लोहे में पाए गए निशानों के बराबर थे. रुइज़ के अनुसार, तांबे-आधारित धातु विज्ञान की तुलना में लोहे के काम में एक पूरी तरह से अलग तकनीक का उपयोग किया जाता था, जिसका उपयोग उस समय सोने और चांदी जैसी उत्कृष्ट धातुओं के लिए किया जाता था. इसका तात्पर्य यह है कि जो लोग उल्कापिंडीय लोहे के साथ काम करते थे, उन्हें नई तकनीक का आविष्कार और विकास करना पड़ा.
अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दावा किया कि ये आइबेरियन प्रायद्वीप में पाए जाने वाले पहले और सबसे पुराने उल्कापिंड पिंड हैं, लेकिन वे अभी तक इसकी पुष्टि नहीं कर सके हैं कि वस्तुएं किसने बनाईं और वे कहां से आईं.
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FIRST PUBLISHED : February 10, 2024, 08:58 IST