सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या : अयोध्या में जहां एक तरफ 22 जनवरी 2024 को प्रभु अपने भव्य महल में विराजमान होंगे तो दूसरी तरफ राम मंदिर ट्रस्ट भगवान राम के विराजमान होने के बाद उनके भोग आरती और उनकी सेवा में तैनात होने वाले अर्चकों की तलाश में हैं. राम मंदिर ट्रस्ट कि यह मंशा है कि प्रभु राम की सेवा में कोई कमी ना हो. पूजा के दौरान मंत्र पढ़ते समय अर्चकों का उच्चारण स्पष्ट हो, पूजा विधि के दौरान कोई गलती न हो. इस बात को ध्यान में रखकर राम मंदिर ट्रस्ट इन दिनों अयोध्या में अर्चकों के साक्षात्कार के बाद अब प्रशिक्षण जारी है.
प्रशिक्षण के बाद अर्चक प्रभु राम की सेवा आराधना करेंगे. अर्चकों को 6 माह तक वैदिक कर्मकांड के वेद का ज्ञान दिया जाएगा. इतना ही नहीं राम मंदिर ट्रस्ट ने बीते दिनों रामलला की सेवा आराधना करने के लिए अर्चकों से आवेदन मांगे थे. जिसमें लगभग 3000 से ज्यादा अर्चकों ने आवेदन किया था.
पूजा के लिए जारी है अर्चकों का प्रशिक्षण
लगभग 300 अर्चकों का साक्षात्कार राम मंदिर ट्रस्ट ने लिया था. जिसमें से 24 अर्चकों को चिन्हित किया गया था. अब इन 24 अर्चकों में से 3 ने किसी कारण बस चयन प्रक्रिया में भाग नहीं लिया. बाकी 21 अर्चकों का प्रशिक्षण अयोध्या में शुरू हो गया है. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी की माने तो राम मंदिर में 21 अर्चकों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है. रामलला की पूजा आराधना के लिए न्यूनतम 6 अर्चकों की नियुक्ति की जाएगी. अधिकतम संख्या अभी निश्चित नहीं की गई है.
रामानंदीय प्रथा से होगी रामलला की पूजा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी बताते हैं कि राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से प्रभु राम की सेवा पूजा अर्चना के लिए अयोध्या में प्रशिक्षण केंद्र चल रहा है. हम लोग यह चाहते हैं कि रामलला की पूजा आराधना सही विधि से हो, रामानंदी परंपरा से हो, उत्तम से उत्तम हो जैसी शास्त्रों बातें कही गई हो. यह ऐसे नहीं हो जाता है इसके लिए कुछ प्रशिक्षण देने की आवश्यकता है. राम मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष बताते हैं कि रामलला की पूजा आराधना के लिए 6 महीने तक इन अर्चकों का ट्रेनिंग यानी कि प्रशिक्षण दिया जाएगा. उसके बाद इसमें से न्यूनतम 6 अर्चको की नियुक्ति की जाएगी.
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FIRST PUBLISHED : December 8, 2023, 20:03 IST