हाइलाइट्स
ज्वारा में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीज सहित कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं.
सत्तू में प्रचूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और डाइट्री कोलेस्ट्रॉल होता है जो शुगर को बढ़ने नहीं देता.
Best healthy Atta for Weight Loss and Blood Sugar Control: मोटापा तब होता है जब हमारा खान-पान गलत होने लगता है और हम उस अनुपात में फिजिकली एक्टिव नहीं रहते हैं. कमोबेश डायबिटीज का भी वहीं कारण है. जब मोटापा बढ़ता है तो डायबिटीज का खतरा भी बढ़ जाता है. मोटापा और डायबिटीज कई बीमारियों की जड़ हैं. मोटापा और डायबिटीज दोनों से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कार्डिएक अरेस्ट, किडनी डिजीज और लिवर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है. दुर्भाग्य की बात है कि विश्व इन दोनों बीमारियों के बोझ से परेशान है. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक एक तरफ जहां करीब 2 अरब लोग ज्यादा वजन से परेशान हैं वहीं विश्व में 42.2 करोड़ से ज्यादा लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं. डायबिटीज के मामले में भारत बहुत आगे हैं.
यहां करीब 8 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित है और 2045 तक भारत में 13.5 करोड़ लोगों के डायबेटिक होने का खतरा है. इसलिए भारत को डायबेटिक कैपिटल ऑफ वर्ल्ड कहा जाने लगा. दरअसल, जिस फूड में फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स ज्यादा होते हैं वे इन दोनों बीमारियों से बचाते हैं. इस मामले में जब हम गेंहू या मैदा से बनी रोटियां या पुड़ियां खाते हैं तो डायबिटीज और मोटापा दोनों बढ़ने लगता है. इसलिए वैसे आटे से बनी रोटियों को खाना चाहिए जिनमें फाइबर की मात्रा ज्यादा हो और
डायबिटीज और मोटापे पर प्रहार करेंगी ये रोटियां
1. सत्तू से बनी रोटियां-भारत में लगभग हर जगह चने का आटा मिल जाएगा. उत्तर भारत में इसे सत्तू कहा जाता है. चने का आटा बेहद पौष्टिक तत्वों से भरा होता है. इसमें प्रचूर मात्रा में प्रोटीन, फाइबर और डाइट्री कोलेस्ट्रॉल होता है जो शुगर को बढ़ने नहीं देता. वहीं प्रोटीन ज्यादा होने के कारण यह दिनभर शरीर में एनर्जी देते रहता है. अपोलो अस्पताल बेंगलुरु में चीफ क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट डॉ. प्रियंका रोहतगी बताते हैं कि यदि आपको गेंहू आटे से बनी रोटियां खाने की आदत है तो कम से कम आप इस आटे में आधा भाग बेसन या सत्तू मिला दें. इससे यह आटा बैलेंस हो जाएगा. इस तरह से बनी रोटियां वजन पर भी लगाम लगाएगी और ब्लड शुगर भी कंट्रोल करेगी.
2. क्विनोआ-क्विनोआ एक प्रकार का मिलेट है. यह गोल-मटोल दाना बेहद मैजिकल है. इसमें कई प्रकार के गुण होते हैं. क्लिवलैंड क्लिनिक के मुताबिक एक कप क्विनोआ में 22 कैलोरी एनर्जी मिलती है. वहीं इसमें 8 ग्राम तक प्रोटीन और 5.2 ग्राम फाइबर रहता है. इसके साथ ही क्विनोआ में विटामिन बी 1, विटामिन बी 2, विटामिन बी 6, फॉलेट, आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, मैग्नीज सहित कई तरह के मिनिरल्स होते हैं. क्विनोओ डाइजेशन को बेहतर बनाता है. एक रिसर्च के मुताबिक यह कोलोन कैंसर के जोखिम को कम करता है. वहीं क्विनोओ भूख के अहसास को कम करता है जिसके कारण यह वजन पर लगाम लगाता है. इसके अलावा इसमें फाइबर की मात्रा ज्यादा होने के कारण यह ब्लड शुगर को भी कंट्रोल करता है. इसलिए क्विनोओ से बनी रोटियां खाएं.
3. ज्वार का आटा-ज्वार शुद्ध रूप से मिलेट यानी मोटा अनाज की श्रेणी में आता है. हालांकि देखने में यह मोटा अनाज नहीं है. यह गोल-गोल छोटा दाना है जिसमें गुणों का भंडार छुपा है. ज्वारा में प्रोटीन, फाइबर, कैल्शियम, आयरन, मैग्नीज सहित कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं. ज्वार में मौजूद इसी गुण के कारण संयुक्त राष्ट्र इस साल को मिलेट वर्ष घोषित किया है. रोजाना अगर ज्वार के आटे से बनी रोटियां खाएंगे तो पाचन दुरुस्त रहेगा और दिन भर भूख नहीं लगेगी. वहीं ज्वार का ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम होता है. यानी इसमें कार्बोहाइड्रैट या शुगर न के बराबर होता है. इसलिए यह ब्लड शुगर को तेजी से घटा देता है.
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FIRST PUBLISHED : September 07, 2023, 18:36 IST