शशिकांत ओझा/पलामू. जिले के रहने वाले शुभम प्रसाद 28 की उम्र में 20 बार रक्तदान कर चुके है. शुभम प्रसाद ने बताया कि जरूरतमंदों के लिए रक्तदान की शुरुआत 10 साल पहले हुई थी. इन 10 साल में वो अब तक 20 बार रक्तदान कर चुके हैं. इसका सिलसिला अब भी जारी है.
उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत कॉलेज लाइफ में ही हुई थी. बचपन से ही उन्हें समाज के लिए कुछ अच्छा करने की इच्छा थी. जब वो वर्ष 2014 में कॉलेज में थे. तब ब्लड डोनेशन कैंप लगा था. उस समय उन्हें इसका कोई आइडिया नहीं था. कैंप के लोगों द्वारा समझाने पर उन्होंने पहली बार रक्तदान किया. इससे उनके शरीर पर कोई खास असर नहीं हुआ, बल्कि वो और स्वस्थ महसूस करने लगे. अब उन्हें ब्लड डोनेशन में शतक पुरा करने की इच्छा है. वर्ष 2019 से वो साल में 3 से 4 बार ब्लड डोनेट करने लगे हैं. इससे उन्हें पूरी तरह एनर्जेटिक महसूस होता है.
संस्था के माध्यम से लोगों को करते हैं जागरूक
उन्होंने बताया कि समाज की सेवा के लिए कोरोना काल में उन्होंने अपने दोस्तों के साथ समाज की सेवा के लिए एक संस्था आरंभ फाउंडेशन की शुरुआत की. इसका उद्देश्य जरूरतमंदों की सेवा करना था. इसमें अबतक 25 लोग जुड़कर लोगों को ब्लड डोनेट करने के लिए भी जागरूक कर रहे है. उन्होंने कहा कि इस संस्था द्वारा अबतक 500 यूनिट ब्लड डोनेट किया जा चुका है. शुभम प्रसाद मेदिनीनगर बस स्टैंड के समीप कपड़े की दुकान वेस्टन वर्ल्ड चलाते हैं.
रक्तदान करने से शरीर होता है स्वस्थ
डॉ.रोहित पांडे(एमबीबीएस)ने बताया कि लोगों में भ्रम है कि रक्तदान करने से कोई समस्या होती है. कोई भी महिला या पुरुष जिसकी उम्र 18 से 65 वर्ष हैऔर उसे कोई बीमारी अगर नहीं है तो वो रक्तदान कर सकते हैं. रक्तदान करने से उनके शरीर को फायदा ही होता है, क्योंकि 120 दिन में रक्त रीजेनरेट होता है. किसी भी महिला या पुरुष का हिमोग्लोबिन 12 या उससे अधिक है तो वो अपने चिकित्सक से संपर्क करके रक्तदान कर सकता है, इससे कोई समस्या नहीं होती.
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FIRST PUBLISHED : March 2, 2024, 13:38 IST