26/11 Attack: नैनी की गोद में बिलखता वो बच्चा याद है? आतंकियों ने ले ली थी मां-बाप की जान, अब कहां है

अफुला (इजराइल): 15 साल पहले आज ही के दिन आतंकियों ने मुंबई में एक साथ कई जगहों पर हमला किया था. 26 सितंबर 2008 के उस आतंकवादी हमले में तमाम लोग मारे गए थे. कई विदेशी भी शामिल थे. मुंबई के ‘नरीमन हाउस’ (चाबड हाउस) पर हमले में इजरायली नागरिक गैब्रिएल होल्त्बर्ग और उनकी पत्नी रिवका होल्त्सबर्ग मारे गए थे. हमले के वक्त उनका दो साल का बेटा मोशे भी साथ था, लेकिन वह बच गया था.

26/11 हमले के ठीक बाद नन्हे मोशे को हमले से बचाकर उसे सीने से चिपकाए उसकी नैनी सैंड्रा की एक तस्वीर सामने आई थी, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा था. मोशे अब 17 साल का हो गया है और इजरायल के येशिवा में रहकर पढ़ाई करता है. जबकि उसकी नैनी सैंड्रा भी इजरायल में ही रहती हैं. मोशे होल्त्सबर्ग के नाना-नानी ने साल 2008 के उस बर्बर हमले को याद करते हुए उनका दुख महसूस करने और उसे अपना समझने के लिए भारत के लोगों का आभार व्यक्त किया है.

मोशे के नाना रब्बी शिमोन रोसेनबर्ग ने ‘भारत के लोगों को याद है कि 15 वर्ष पहले आज के दिन क्या हुआ था. हमारे परिवार पर और अन्य इजराइली परिवारों पर जो कहर टूटा था आपको याद है.’ उन्होंने कहा, ‘मैं, मेरी पत्नी येहुदित और मोशे दिल से ये मानते हैं और इस बात के लिए भारत में आप सबका आभार व्यक्त करना चाहते हैं कि आपने हमारे दुख को महसूस किया और उसे अपना समझा’.

अब कहां है नन्हा मोशे और उसकी नैनी?
रोसेनबर्ग ने कहा, ‘मोशे ठीक है और येशिवा में पढ़ाई कर रहा है. सैंड्रा इजराइल में है और सप्ताहांत में यरूशलम से हमारे पास आती है. वह हमारे परिवार की सदस्य की ही तरह है और यह घर उसका भी है’. सैंड्रा को इजराइल सरकार ने मानद नागरिकता दी थी और उसे ‘राइटियस जंटिले’ की उपाधि से सम्मानित किया था. यह एक दुर्लभ सम्मान है और यह उन लोगों को दिया गया जिन्होंने नरसंहार के दौरान यहूदियों को बचाने में अपनी जान जोखिम में डाली. परिवार ने इस वर्ष हिब्रू कैलेंडर के अनुसार 13 नवंबर को अपने निकट संबंधियों की याद में अफुला में वर्षिक प्रार्थना की थी.

पिछले वर्ष मोशे ने एक वीडियो संदेश जारी किया था. उस वीडियो में मोशे ने अपने बचने की कहानी भी साझा की. मोशे ने कहा था कि वह सिर्फ अपनी नैनी सैंड्रा के साहस के कारण ही बच सका, ‘जिसने उसे बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली थी’. मोशे ने अपनी परवरिश की कहानी भी दुनिया के साथ साझा की. वह अपने नाना-नानी के साथ रहता है और वे उसकी परवरिश अपने बेटे की तरह कर रहे हैं.

PM मोदी भी मोशे से मिल चुके हैं
साल 2017 में पीएम मोदी भी मोशे से मिल चुके हैं. मोशे ने अपने वीडियो में पीएम मोदी से मुलाकात को याद करते हुए कहा था,‘‘उन्होंने मुझे प्यार से गले लगाया और मुझे मेरे नाना-नादी के साथ भारत आने का न्योता दिया.’’

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आतंकी हमले में 166 लोग मारे गए थे
आपको बता दें 26 नवंबर 2008 को दस पाकिस्तानी आतंकवादी समुद्री मार्ग से दक्षिण मुंबई के इलाकों में घुसे थे और उन्होंने, ताज होटल, चाबड हाउस सहित कई स्थानों पर हमला किया था. इन हमलों में छह यहूदियों और 18 सुरक्षाकर्मियों सहित 166 लोग मारे गए थे.

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