26/11 का बदला होगा पूरा…भारत ने कर दिया US के ‘लादेन’ स्टाइल वाला ऑपेरशन! ग्लोबल टेरेरिस्ट मक्की को पाकिस्तान से कौन उठा ले गया?

पुरानी कहावत है कि जो दूसरों के लिए गड्ढा खोदता है वह कभी ना कभी उसमें खुद गिरता है। यह बात पाकिस्तान पर इस समय बिल्कुल सही फिट हो रही है। पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ साज़िशें रचने के लिए आतंकियों की फैक्ट्री लगाई। उन्हें खाद पानी दिया। आज वही आतंकी उसके लिए बर्बादी का सबब बनते जा रहे हैं। लेकिन अब मामला इससे भी एक कदम आगे बढ़ गया है। मुंबई हमले का मास्टरमाइंड और आतंकियों का हेड मास्टर हाफिज सहित आज डरा-सहमा हुआ है। उसे मौत का डर सता रहा है क्योंकि एक के बाद एक उसके अपने ही परिवार वाले और खास आतंकी मारे जा रहे हैं। ऐसे में अब सवाल उठने लगे हैं कि क्या अगला नंबर हाफिज सईद का है? 

क्या सच में गायब है आतंकी मक्की? 

अब्दुल रहमान मक्की जिसे इसी साल संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित किया था वो लापता बताया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो पाकिस्तान से उसके गायब होने की खबर है। आपको बता दें कि ग्लोबल टेरेरिस्ट होने के साथ-साथ अब्दुल रहमान मक्की 26/11 हमले के मास्टरमाइंड और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद का बहनोई है। हालांकि हम इस खबर की पुष्टि नहीं कर रहे हैं। लेकिन कई सोशल मीडिया हैंडल और मीडिया रिपोर्ट्स में इस तरह का दावा किया जा रहा है ग्लोबल टेरेरिस्ट मक्की पाकिस्तान से गायब है और उसे कुछ लोग अपने साथ ले गए हैं। पिछले हफ्ते इसी तरह हाफिज सईद के बेटे कमालुद्दीन के भी गायब होने की खबर सामने आई थी। इसके बाद कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि कमालुद्दीन की हत्या कर दी गई। 

कौन है अब्दुल रहमान मक्की 

अब्दुल रहमान मक्की लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद का रिश्तेदार है। वो लश्कर के राजनीतिक मामलों का भी अध्यक्ष है और सईद का बेहद ही करीबी बताया जाता है। 26/11 के मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचने में भी अब्दुल रहमान मक्की शामिल था। कश्मीर में आतंकी योजना बनाना, युवाओं को ब्रेनवॉश कर आतंकी बनाने का काम भी मक्की किया करता था। आतंक के लिए धन जुटाने का जिम्मा भी मक्की के पास है। अमेरिका की तरफ से 2 मिलियन डॉलर का इनाम इस पर रखा गया है। स्लीपर सेल के लिए भी अब्दुल रहमान मक्की शामिल है। जुलाई 2019 में जब एफएटीएफ की तरफ से पाकिस्तान पर दवाब के बाद  हाफिद सईद और अब्दुल रहमान मक्की समेत 13 जमात के आतंकी पर पाकिस्तान में कई केस बने और सजा हुई। फिर उन्हें जेल में भी डाला गया। जमात उत दावा में मक्की को प्रोफेसर मक्की के रूप में भी जाना जाता है।   

2006 से ही भारत में आतंकी हमले में रहा शामिल 

मक्‍की का नाम पहली बार भारत में तब सुना गया जब देश 26/11 जैसे खतरनाक हमलों से दहल गया था। मक्‍की इन हमलों का एक मास्‍टरमाइंड था। गृह मंत्रालय की तरफ से साल 2022 में बताया गया था कि 74 साल का मक्‍की साल 2006 से ही भारत में आतंकी हमलों में शामिल रहा है। पाकिस्‍तान के आधिकारिक रेकॉर्ड में मक्‍की की जन्‍म की दो तारीखें दर्ज हैं। 10 दिसंबर 1954 और दूसरी है 10 दिसंबर 1948 और कई सुरक्षा अधिकारी मानते हैं कि यह सिर्फ विदेशी सुरक्षा एजेंसियों को गुमराह करने के लिए ही है। 

लश्कर आतंकी फारूक को गोली मारे जाने की खबर

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि यह अज्ञात हमलावरों द्वारा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मोस्ट वांटेड आतंकवादी की हत्या का सीसीटीवी फुटेज है। हालांकि नाटकीय वीडियो की सटीक तारीख और समय ज्ञात नहीं है, लेकिन सीसीटीवी फुटेज में पीछे से गोली मारे गए एक व्यक्ति को अन्य लोगों के साथ कराची की एक सड़क पर चलते हुए दिखाया गया है।  जैसे ही गोली चलाई जाती है, अन्य लोग छिपने के लिए भागते हैं, जबकि जिस व्यक्ति को गोली लगती है, जिसके बारे में कई लोगों का दावा है कि वह कैसर फारूक नाम का मोस्ट वांटेड आतंकवादी है। कैसर फारूक प्रतिबंधित और नामित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के संस्थापक सदस्यों में से एक है। उसे मुंबई पर 26/11 के आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड और लश्कर प्रमुख का करीबी सहयोगी माना जाता है।  

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