हाइलाइट्स
स्ट्रोक ज्यादातर 65 साल से उपर के लोगों में होता था लेकिन अब यह नए जेनरेशन में खूब देखने को मिलता है.
डायबिटीज एक तरह से साइलेंट किलर हैं जिसमें शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखता.
Most Common Diseases Before 25: अमूमन 20 साल से पहले के लोगों का सोचना होता है कि उन्हें कोई बीमारी क्यों होगी. खासकर स्ट्रोक या कोलोन कैंसर तो बिल्कुल नहीं हो सकता. लेकिन यदि आप भी ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत हैं. नई रिसर्च के मुताबिक बहुत कम उम्र में भी ये बीमारियां लग सकती हैं. होपकिंस यूनिवर्सिटी ने अपनी रिसर्च में बताया है कि जो बीमारियां पहले बुजुर्गों में होती थी और ऐसा समझा जाता है कि ये बीमारियां बुजुर्गों को ही होती है, वे बीमारियां अब यंगर जेनरेशन यहां तक कि 20 से 30 साल की उम्र में भी लोगों को होने लगी हैं. जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी में प्रिवेंटिव कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट की एसोसिएट डायरेक्टर एरिन मिचोस ने बताया कि आज के समय में गतिहीन जीवनशैली और मोटापा महामारी की तरह होने लगा है. इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर भी लोगों में तेजी से फैलने लगा है. इन सबके लिए स्मोकिंग, अल्कोहल का ज्यादा सेवन और हमारी खराब आदतें ज्यादा जिम्मेदार है. अच्छी बात यह है कि इन बीमारियों को शरीर में घुसने से रोका जा सकता है.
ये 5 बीमारियां जान के दुश्मन
1. हाई ब्लड प्रेशर-जब खून शिराओं में बहुत तेज प्रहार करने लगे तो यह हाई ब्लड प्रेशर है. आमतौर पर लोगों को लगता है कि ज्यादा उम्र वाले लोगों को ही हाई ब्लड प्रेशर होता है. चूंकि हाई ब्लड प्रेशर में कोई लक्षण भी जल्दी नहीं दिखता. इसलिए इसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल हो जाता है और धीरे-धीरे यह शरीर को खोखला करने लगता है. एक रिसर्च के मुताबिक 20 से 34 साल के बीच की 7 प्रतिशत महिलाएं हाई ब्लड प्रेशर की शिकार हैं. इसलिए 20 साल की उम्र से ही ब्लड प्रेशर को रोकने के लिए उपाय करने चाहिए.
2. टाइप 2 डायबिटीज-डब्ल्यूएचओ के मुताबिक करीब 50 करोड़ लोग डायबिटीज के शिकार हैं और इनमें से 8 करोड़ लोग भारत से शामिल हैं. डायबिटीज भी लोगों में महामारी की तरह होने लगा है. डायबिटीज एक तरह से साइलेंट किलर हैं जिसमें शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखता. इसलिए 20 साल की उम्र से ही डायबिटीज से बचने के लिए प्रयास शुरू कर देने चाहिए.
3. स्ट्रोक-पहले के जमाने में स्ट्रोक ज्यादातर 65 साल से उपर के लोगों में देखा जाता था लेकिन अब यह नए जेनरेशन में खूब देखने को मिलता है. यहां तक कि 18 से 34 साल की महिलाओं में भी स्ट्रोक होने लगा है. जब ऑक्सीजन दिमाग में पहुंचना बंद हो जाए तो स्ट्रोक होता है. इसकी कई वजहें हो सकती है. अच्छी बात यह है कि यंग एज में यदि स्ट्रोक हो तो यह जानलेवा कम होता है लेकिन इससे बचने के लिए उपाय जरूरी है.
4. कोलोन कैंसर-एक नई स्टडी में पाया गया है कि मिलेनियल यानी 1980 से 1994 के बीच पैदा लेने वाले लोगों में कोलोन कैंसर के मामले ज्यादा आ रहे हैं. इनमें कोलोरेक्टर कैंसर के ज्यादा मरीज शामिल हैं. इसके कई कारण हो सकते हैं लेकिन खराब जीवनशैली पहली वजह है.
5. दिमाग का सिकुड़ना-दिमाग का सिकुड़ना या ब्रेन स्रिकिंग सुनने में बेहद डरावनी है लेकिन समय के साथ दिमाग सिकुड़ता ही है. यह एक सामान्य प्रक्रिया है लेकिन आजकल सामान्य से ज्यादा दिमाग सिकुड़ने लगा है. डायबिटीज, मोटापा, स्मोक, अल्कोहल जैसे कारक इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं.
क्या करें कि ये बीमारियां न हों
आज के समाज प्रतिस्पर्धात्मक समाज है. हर कोई इसमें आगे होना चाहता है. पढ़ाई में आगे, कैरियर में आगे, शादी में फेयरनेस, पैरेंटिंग में आगे, ऐसी कई चीजें हैं जो दिमाग पर दबाव डालती है और इनकी वजह से तनाव बढ़ता है. वहीं हमारा खान-पान बहुत अनहेल्दी हो गया है. फास्ट फूड, जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड, पिज्जा, बर्गर जैसी चीजें हर तरह से हमें नुकसान पहुंचाता है. दूसरी ओर हमारा गतिहीन लाइफस्टाइल हमारी सेहत के लिए सबसे बड़ी बाधा है. इसलिए नियमित एक्सरसाइज करें. हेल्दी खाना खाएं. जितना संभव हो घर का बना शुद्ध साबुत अनाज वाला फूड खाएं. जितना हरी पत्तीदार सब्जियों का सेवन करेंगे, उतना ही सेहतमंद रहेंगे. ज्यादा शुगर, ज्यादा नमक न खाएं. ताजे फल का खूब सेवन करें. तनाव न लें, पर्याप्त नींद लें और दोस्तों की मंडली में खूब गप्पे लड़ाएं. यहीं पुरानी आदतें अच्छी जीवनशैली है.
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FIRST PUBLISHED : December 14, 2023, 06:41 IST