मुंबई. एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) की 25 साल तक कमान संभालने के बाद आदित्य पुरी ने सोमवार को बैंक के नए मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) एवं प्रबंध निदेशक की जिम्मेदारी शशिधर जगदीशन को सौंप दी और इस तरह अपना आखिरी दिन बैंक के कॉरपोरेट कार्यालय में गुजारने के बाद शाम साढ़े पांच बजे सभी से विदा ली. पुरी ने 25 साल पहले निजी क्षेत्र के बैंक के पहले प्रमुख की जिम्मेदारी संभाली और 1.20 लाख लोगों को नौकरी देने वाले बैंकिंग कारोबार को अपने कंधों पर खड़ा किया. अधिकारियों ने बताया कि पदभार संभालने के कार्यक्रम में जगदीशन शहर में लोअर परेल इलाके के कमला मिल परिसर के सामने स्थित बैंक मुख्यालय में पहुंचे. पुरी और जगदीशन दोनों ने अपने साथियों को वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया. अपने संबोधन में पुरी ने बैंक को बनाने की अपनी यात्रा को याद किया जिसमें सबसे ज्यादा ध्यान कर्मचारियों पर दिया गया.
इससे पहले दिन में एचडीएफसी बैंक के प्रतिद्वंदी बैंक आईसीआईसीआई बैंक ने सार्वजनिक तौर पर पुरी को प्रेरणा का स्रोत बताते हुए उनके सम्मान में ट्वीट किया. आईसीआईसीआई बैंक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर लिखा, आईसीआईसीआई बैंक भारतीय बैंकिंग उद्योग में आदित्य पुरी के योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त करता है.बैंक ने कहा, ‘‘ अपने कई दशकों के कार्यकाल में आप कई लोगों के लिए प्रेरणा बने रहे. हम आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं.
HDFC बैंक को ऐसे बनाया वर्ल्ड क्लास बैंक
आदित्य पुरी ने बताया जब 25 साल पहले इस बैंक की स्थापना की गई थी तो उस वक्त हमारे कई साथी बच्चे थे. कई मिडिल क्लास थे, जो बाटा के जूते पहनते थे. कई साथी ऐसे थे जो विदेशी कंपनियों में अच्छे पदों पर काम कर रहे थे.उन्होंने कहा कि सभी साथियों के मन में उस समय एक ही इच्छा थी कि एक हमारे देश में भी एक वर्ल्ड क्लास बैंक की स्थापना हो. उन्होंने कहा, ‘मुझे अच्छी तरह याद है कि जब मैं सैंडोज हाउस में बैंक के लिए टीम बना रहा था कि तो लोगों को यही कहता था कि आओ और बेस्ट बैंक ऑफ द वर्ल्ड के साथ जुड़ जाओ.
आदित्य पुरी ने कहा कि शुरुआती दिनों में चुनौतियां काफी थीं. पैसे की कमी की वजह से हमने कमला मिल्स में जाकर अपना ऑफिस खोला था. दिन में काम करके घर लौट जाते थे कि जब अगले दिन सुबह दफ्तर पहुंचते थे तो कंप्यूटर और मशीनें नहीं चलती थीं, क्योंकि चूहों ने केबल कुतर डाले थे.उन्होंने कहा कि शुरुआत में हमारी ट्रेनिंग पेड़ों के नीचे होती थी. लेकिन भगवान का शुक्र है कि हमने जो फैसला लिया, उसपर आगे बढ़ते रहे, और आज हम यहां तक पहुंचे हैं.
ऐसे हुई HDFC बैंक की शुरुआत-आदित्य पुरी ने ही 90 के दशक में भारत में निजी क्षेत्र के एचडीएफसी बैंक की स्थापना की थी. वे मलेशिया से सिटीबैंक की बढ़िया नौकरी छोड़कर आए थे. करीब दो दशकों में पुरी ने बैंक को काफी आगे बढ़ाया और इसे मुनाफे में रखते हुए सबसे कम एनपीए वाला बैंक बना दिया.
बने देश के सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले बैंकर-एचडीएफसी बैंक के एमडी और सीईओ आदित्य पुरी भारत में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाले बैंकर हैं. बीते वित्त वर्ष में आदित्य पुरी की सैलरी और अन्य लाभ 38 फीसदी बढ़कर 18.92 करोड़ रुपये पर पहुंच गए. इसके अलावा बैंक की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में आदित्य पुरी को शेयर ऑप्शंस का उपयोग करने पर 161.56 करोड़ रुपये अतिरिक्त मिले थे.
HDFC बैंक को ब्रांड बनाने के लिए दीपक पारेख ने मुझे पूरी छूट दी-CNBC-TV18 के साथ बातचीत करते हुए पुरी ने कहा कि बैंक को HDFC के तहत फाइनेंशियल सर्विस में सबसे अच्छा ब्रांड विरासत में मिला हुआ है. पुरी ने कहा कि मैंने दीपक को पहले ही बताया कि मैं एक स्वतंत्र रूप से काम करना चाहता हूं. मैं एक संस्था बनाना चाहता हूं. इसलिए मैं तभी आऊंगा जब मुझे यहां काम करने की खुली छूट मिली होगी. किसी प्रकार का कोई बंधन नहीं होगा. क्योंकि फ्री हैंड काम करने से ही मजा आएगा. अगर आपका विजन में भरोसा है तभी आप विजन के साथ चल सकते हैं.
आदित्य पुरी ने आगे कहा कि दीपक पारेख बोर्ड में भी आ गए, लेकिन उन्होंने हमारे काम में कभी कोई हस्ताक्षेप नहीं किया. पुरी ने कहा कि HDFC बैंक ने अत्याधुनिक तकनीकी के साथ विश्वास, सुरक्षा और पारदर्शिता के साथ अपना ब्रांड बनाया है.
आदित्य पुरी ने कहा कि किसी भी कंपनी के लीडशिप में बदलाव आता है, लोग भी इधर उधर हो जाते हैं, लेकिन हमारे बैंक में पहले से ही एक मजबूत और बेहतर टीम है. उन्होंने कहा कि भले ही वो ब्रांड के चेहरा थे, लेकिन सभी फैसले टीम से सलाह-मशविरा करके लिए जाते हैं.
हमारे यहां काम करने की पूरी एक प्लानिंग होती है. उस प्लान के बारे में टीम के सभी लोगों को पता होता है. हमारे पास एक मजबूत टीम है. हम कर्मचारियों का बेहतर तरीके से खयाल रखते हैं.
पुरी ने कहा कि मैं यह कहने वाला पहला व्यक्ति था कि कर्मचारियों के बोनस, प्रमोशन, और उनके मिलने वाली किसी भी सुविधा में कोई कटौती नहीं होगी. इस साल के लिए भी मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमें इस तरह की कोई कटौती देखने को नहीं मिलेगी. और हम इस साल के सभी लक्ष्य हासिल करेंगे. पुरी ने आगे कहा कि उनका सपना है कि HDFC बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक बने.
.
Tags: Hdfc bank, Second-most valuable bank in India after HDFC Bank
FIRST PUBLISHED : October 27, 2020, 08:34 IST