8 घंटे पहले
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इमरान खान ने लाहौर और मियांवली से नामांकन भरा था।
पाकिस्तान के इलेक्शन कमीशन (ECP) ने इमरान खान का नॉमिनेशन खारिज कर दिया है। अब इमरान 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। खान पर करप्शन के आरोप हैं। वो तोशाखाना मामले में अगस्त 2023 से जेल में बंद हैं।
इमरान खान ने लाहौर और मियांवली से नामांकन भरा था। यहां से कई कैंडिडेट्स के नाम खारिज हुए, इनमें से एक नाम खान का था। इलेक्शन कमिशन ने कहा- इमरान पर कई केस चल रहे हैं। वो लाहौर निर्वाचन क्षेत्र के पंजीकृत मतदाता भी नहीं हैं इसलिए उनका नामांकन खारिज किया जा रहा है।
तोशाखाना केस में इमरान को 3 साल की जेल
5 अगस्त 2023 को इस्लामाबाद की ट्रायल कोर्ट ने तोशाखाना मामले में खान को 3 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने पूर्व पाकिस्तानी PM पर एक लाख पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना भी लगाया। इसके बाद लाहौर पुलिस ने PTI चेयरमैन को उनके जमान पार्क स्थित घर से अरेस्ट किया था। बाद में उन्हें इस्लामाबाद लाया गया था।
फुटेज 5 अगस्त की है। इसमें पुलिसकर्मी लाहौर में इमरान खान को जमान पार्क स्थित घर से कोट लखपत जेल ले जाते दिख रहे हैं।
अब तोशाखाना केस को तफ्सील से समझिए
- चुनाव आयोग के सामने सत्ताधारी पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ने तोशाखाना गिफ्ट मामला उठाया था। कहा था कि इमरान ने अपने कार्यकाल के दौरान विभिन्न देशों से मिले गिफ्ट को बेच दिया था।
- करीब दो साल पहले अबरार खालिद नाम के एक पाकिस्तानी शख्स ने इन्फॉर्मेशन कमीशन में एक अर्जी दायर की थी। कहा- इमरान को दूसरे देशों से मिले गिफ्ट्स की जानकारी दी जाए। जवाब मिला- गिफ्ट्स की जानकारी नहीं दी जा सकती। खालिद भी जिद्दी निकले। उन्होंने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
- इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने इमरान से पूछा था- आप तोहफों की जानकारी क्यों नहीं देते? इस पर खान के वकील का जवाब था- इससे मुल्क की सलामती यानी सुरक्षा को खतरा है। दूसरे देशों से रिश्ते खराब हो सकते हैं। इसलिए अवाम को दूसरे देशों से मिले तोहफों की जानकारी नहीं दे सकते। तस्वीर जनवरी 2019 की है। फोटो में गवर्नर तबुक प्रिंस फहद बिन सुल्तान बिन अब्दुल अजीज अल सऊद ने तत्कालीन PM इमरान खान को ‘गोल्ड कलाश्निकोव’ का तोहफा और गोलियां भेंट की थीं।
तोशाखाना का नियम क्या है
- पाकिस्तान की पत्रकार आलिया शाह के मुताबिक पाकिस्तान में प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या दूसरे पद पर रहने वालों को मिले तोहफों की जानकारी नेशनल आर्काइव को देनी होती है। इन्हें तोशाखाना में जमा कराना होता है। अगर तोहफा 10 हजार पाकिस्तानी रुपए की कीमत वाला होता है तो बिना कोई पैसा चुकाए इसे संबंधित व्यक्ति रख सकता है।
- तोहफे की अनुमानित कीमत अगर 10 हजार से ज्यादा है तो 20% कीमत देकर गिफ्ट अपने पास रखा जा सकता है। अगर 4 लाख से ज्यादा का गिफ्ट है तो इसे सिर्फ वजीर-ए-आजम (प्रधानमंत्री) या सदर-ए-रियासत (राष्ट्रपति) ही खरीद सकता है। अगर कोई नहीं खरीदता तो नीलामी होती है।
- इमरान ने यहां भी खेल कर दिया। 2 करोड़ का तोहफा कहीं 5 लाख तो कहीं 7 लाख का बता दिया। इसी कीमत पर इन्हें खरीदा और फिर ओरिजिनल कीमत से भी कई गुना ज्यादा पर बेच दिया। यह काम जुल्फी बुखारी और बुशरा बीबी की दोस्त फराह खान उर्फ फराह गोगी ने किया था।
- एक और खास बात यह है कि फराह गोगी उसी दिन (10 अप्रैल 2022) पाकिस्तान से एक प्राइवेट जेट से फरार होकर दुबई पहुंच गई थीं, जिस दिन इमरान खान की सरकार गिरी थी।