20 सालों बाद सहरसा में एक मंच पर नजर आएंगे नीतीश कुमार-आनंद मोहन, समझें मायने

हाइलाइट्स

आनंद मोहन लगातार बिहार के सियासी गलियारे में अपनी लोकप्रियता का अहसास कराने में जुटे हुए हैं.
नीतीश कुमार आज आनंद मोहन के बुलावे पर सहरसा जाएंगे और दोनों नेता लोगों को संबोधित भी करेंगे.
आनंद मोहन और नीतीश कुमार दोनों नेताओं के आज के संबोधन भाषण को काफी अहम माना जा रहा है.

पटना/सहरसा. आजीवन कारावास की सजा काट जेल से बाहर निकले पूर्व सांसद आनंद मोहन रिहा होने के बाद से ही बिहार की सियासत में सक्रिय हो गए है. आनंद मोहन लगातार बिहार के सियासी गलियारे में अपनी ताकत और लोकप्रियता का अहसास कराने की कोशिश में जुटे हुए हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार का दिन आनंद मोहन के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. दरअसल आनंद मोहन ने सहरसा के अपने पैतृक गांव में अपने दादा जी और चाचा जी के मूर्ति अनावरण के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को न्योता दिया है, जिसे नीतीश कुमार ने स्वीकार भी कर लिया है.

बताया जा रहा है कि सहरसा में आज होने वाले इस कार्यक्रम में सीएम नीतीश कुमार न सिर्फ मूर्ति का अनावरण करेंगे बल्कि एक बड़ी सभा को संबोधित भी करेंगे. यह 20 सालों बाद पहला ऐसा मौका होगा जब नीतीश कुमार और आनंद मोहन दोनों एक ही मंच लोगों से बातचीत करेंगे. इन दोनों नेताओं के आज के संबोधन भाषण को काफी अहम माना जा रहा है.

आनंद मोहन कि रिहाई में नीतीश कुमार की भूमिका 

दरअसल आनंद मोहन की रिहाई में नीतीश कुमार की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है और नीतीश कुमार ने आनंद मोहन से अपनी दोस्ती का इजहार कर यह भरोसा भी दिलाया था कि अपने मित्र आनंद मोहन की रिहाई के लिए कानून सम्मत जो भी होगा वो करेंगे. इसके बाद आखिरकार बिहार सरकार ने नियमों में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई का रास्ता साफ किया और रिहा होने के बाद आनंद मोहन ने भी नीतीश कुमार के प्रति खुलकर आभार जताया था. रिहा होने के बाद आनंद मोहन की एक खास जाति राजपूत वोटरों पर पकड़ को देखते हुए राजनीतिक दलों ने अपने पाले में करने की कोशिश की. लेकिन, आनंद मोहन का झुकाव नीतीश कुमार के प्रति दिखाई पड़ रहा है और इसी वजह से आनंद मोहन के बुलावे पर नीतीश कुमार सहरसा जाकर उनके दादा और चाचा की मूर्ति का अनावरण करेंगे.

20 सालों बाद क्या मैसेज देंगे दोनों नेता 
बता दें, आनंद मोहन और नीतीश कुमार की दोस्ती काफी पुरानी है और एक समय आनंद मोहन नीतीश कुमार बेहद खास दोस्त हुआ करते थे. कई मंच से उन्होंने वोट भी मांगा था. लेकिन, बाद में गोपालगंज के तत्कालीन डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के आरोप में आजीवन कारावास की सजा काटने की वजह से दोनों के  बीच दूरी आ गई थी. लेकिन, नीतीश कुमार ने आनंद मोहन को जेल से रिहा करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर अपनी दोस्ती निभाई, जिसको लेकर काफी सियासत भी हुई थीं. अब जब दोनों नेता 20  सालों बाद एक मंच पर नजर आएंगे और सभा को संबोधित भी करेंगे तो उस मंच से क्या मैसेज जाएगा ये देखना बेहद दिलचस्प होगा.

नीतीश से नजदीकी RJD से दूरी 

हालांकि एक बड़ी बात यह है कि आनंद मोहन की पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद और राजद विधायक चेतन आनंद आरजेडी पार्टी में है जबकि इस मंच पर आरजेडी का कोई नेता मौजूद नहीं होगा. दरअसल यह भी बताया जा रहा है कि ठाकुर विवाद में मनोज झा के बयान पर आनंद मोहन और उनके आरजेडी विधायक बेटे चेतन आनंद  ने तीखी प्रतिक्रिया दीं थी जिसके बाद आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं ने आनंद मोहन और चेतन आनंद को लेकर तीखा जिसके बाद आनंद मोहन के संबंध आरजेडी से बेहतर नहीं बताए जा रहे है. लेकिन नीतीश कुमार के साथ उनकी नज़दीकिया बढ़ी है जो एक बड़ा संकेत भी देता है.

Tags: Bihar News, Nitish kumar, PATNA NEWS

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