गौरव झा/रांची. यूं तो राजनीति में कई उलटफेर देखने को मिलते हैं पर झारखंड में जिस तरीके से राजनीतिक भूचाल आया है वह अपने आप में अनोखा है. किसी प्रदेश के सीएम के दो दिनों तक ट्रेसलेस होने की खबर भी बिल्कुल ही अलग है. ईडी की दबिश के बाद अपने कार्यकाल से करीब 10 महीने पहले ही हेमंत सोरेन ने जिस तरीके से मुख्यमंत्री को पद छोड़ना पड़ा, यह भी अपने आप में अद्भुत उदाहरण है. खास बात यह कि झारखंड आदिवासी राज्य होते हुए भी 24 वर्षो में कोई आदिवासी मुख्यमंत्री अब तक अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए हैं. अब राज्य को 12वें मुख्यमंत्री के रूप में चंपई सोरेन मिलने जा रहे हैं.
इससे पहले झारखंड में 11 बार मुख्यमंत्री पद के लिए शपथ लिया गया है, जिसमे 3-3 बार शिबू सोरेन और अर्जुन मुंडा ने बतौर मुख्यमंत्री शपथ ली थी. वहीं, हेमंत सोरेन दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं. इनके अलावा बाबूला मरांडी, मधु कोड़ा और रघुवर दास भी मुख्यमंत्री रहे. चंपई सोरेन भी मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं.
कौन हैं चंपई सोरेन
68 वर्षीय चंपई सोरेन का जन्म 1 नवंबर 1956 को सरायकेला खरसावां में हुआ. आदिवासी परिवार में पले-बढ़े चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्यों में से एक माने जाते हैं.1995 में पहली बार चंपई सोरेन बिहार विधानसभा में विधायक चुनकर पहुंचे. सरायकेला खरसावां के सीट से विधानसभा में जाने के बाद लगातार चंपई सोरेन ने अपना झंडा बुलंद रखा है.
चंपई सोरेन को एक बार चुनावी हार का भी सामना करना पड़ा है. इसके उपरांत वर्ष 1995 के बाद से लगातार वो विधायक रहे हैं. वर्ष 2000 को छोड़ दिया जाए तो 2005 के वर्ष में भी सरायकेला खरसावां से चंपई सोरेन विधायक चुने गए और लगातार 2019 तक वह विधायक रहे हैं.
चंपई सोरेन द्वारा चुनाव आयोग में जमा की गई जानकारी के मुताबिक, चंपई सोरेन ने 1974 ने मैट्रिक की परीक्षा पास की. आदिवासी परिवार में पले बढ़े चंपई सोरेन की 2019 के लोकसभा चुनाव में चल संपत्ति 2 करोड़ से अधिक की है. हालांकि, हर चुनावी वर्षों में उनकी संपत्ति में वृद्धि हुई है. वर्ष 2009 के चुनाव में उन्होंने अपनी संपत्ति 45 लाख से अधिक बताई की वहीं, झारखंड विधानसभा के 2014 के चुनाव में ये संपत्ति 1 करोड़ से अधिक की थी.
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FIRST PUBLISHED : February 2, 2024, 12:05 IST