अभिषेक माथुर/हापुड़ : अगर आपका बच्चा 18 साल की उम्र में देखने में 10 या 12 साल के बच्चों की तरह दिखता है, तो सावधान हो जाइए. आपके बच्चे का विकास उसकी उम्र के हिसाब से नहीं हो रहा है तो आपको कुछ बातों पर ध्यान देने की जरूरत है. आपको जानना होगा कि कहीं इसकी वजह पोषण की कमी तो नहीं है. या फिर किसी जेनेटिक वजह से उसकी लंबाई उतनी तेजी से नहीं बढ़ रही है, जैसे बढ़नी चाहिए.
अगर बच्चों के खान-पान में कोई समस्या नहीं है और तब भी उनका विकास सही से नहीं हो रहा है तो ऐसे बच्चे सीलिएक बीमारी का शिकार होते हैं. सीलिएक एक ऐसी बीमारी है, जिससे इम्यून सिस्टम और छोटी आंत पर बुरा असर पड़ता है. यह एक जेनेटिक रोग है, जो ग्लूटेन युक्त चीज़ों को खाने से होती है. ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो गेंहू राई और जौ में पाया जाता है. इस बीमारी के कारण खासकर बच्चियों का शारीरिक विकास रूक जाता है और वह उम्र में तो बढ़ती हैं, लेकिन दिखने में छोटे बच्चों की तरह ही दिखाई देती हैं.
क्या है इस बीमारी का कारण?
हापुड़ जिले के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. विजय शर्मा बताते हैं कि सीलिएक एक ऐसी बीमारी है, जिससे ग्रसित बच्चियां उम्र में भले ही 18 साल की होती हैं, लेकिन देखने में 8 वर्ष जैसी लगती हैं. जब शरीर में ग्लूटेन का स्तर बढ़ जाता है, तो सीलिएक बीमारी होती है. इससे न केवल पाचन तंत्र बिगड़ता है, बल्कि प्रतिरक्षा प्रणाली भी शरीर के हिफाजत के बदले शरीर के खिलाफ लड़ने लगती है.
ग्लूटिन वाले अनाजों से करें परहेज
डॉ. विजय ने बताया कि बॉडी में ग्लूटिन गेहूं, जौ आदि से शरीर में जाता है. जिसकी वजह से बच्चों को सबसे ज्यादा दस्त होते हैं. इतना ही नहीं बच्चों का आयरन की कमी के कारण हीमोग्लोबिन नहीं बढ़ता. इन बालिकाओं को गेहूं से बनी रोटी नहीं खानी चाहिए. ऐसे बच्चों को बेसन, चावल आदि की रोटी खानी चाहिए. ग्लूटिन वाले अनाजों को छोड़ते ही शारीरिक विकास तो बढ़ता ही है, साथ ही हीमोग्लोबिन भी तेजी से बढ़ता हुआ दिखाई देगा.
सीलिएक के लक्षण
⦁ बच्चों को भूख नहीं लगती.
⦁ बार -बार बच्चों में पेट दर्द की शिकायत होती है.
⦁ पेट बार-बार खराब होना और उलटी होना .
⦁ बच्चों में चिड़चिड़ापन और छोटी बात पर गुस्सा दिखाई देना.
⦁ कम उम्र में बाल सफ़ेद होना और टूटना .
⦁ तेजी के साथ वजन कम होना.
⦁ शरीर में कमजोरी और थकान महसूस होना.
कैसे करें बीमारी का उपचार?
⦁ ग्लूटेन युक्त चीज़ें जैसे गेंहू, राई और जौ से परहेज
⦁ रोजाना वर्क आउट जरूर करें.
⦁ डेयरी उत्पादों के सेवन से बचना चाहिए.
⦁ विटामिन-सी युक्त चीज़ों का इस्तेमाल करें.
⦁ डॉक्टर द्वारा लिखित दवाओं का ही सेवन करें.
⦁ अपनी इम्युनिटी पर जरूर ध्यान दें
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और हेल्थ बेनिफिट रेसिपी की सलाह, हमारे एक्सपर्ट्स से की गई चर्चा के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, न कि व्यक्तिगत सलाह. हर व्यक्ति की आवश्यकताएं अलग हैं, इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही, कोई चीज उपयोग करें. कृपया ध्यान दें, Local-18 की टीम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगी.
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FIRST PUBLISHED : December 22, 2023, 18:20 IST