16 साल में 19 ट्रांसफर, जान से मारने की धमकी, IAS के नाम से थर्राते हैं माफिया

IAS Story: UPSC की परीक्षा पास करना सबके बश की बात नहीं होती, लाखों युवाओं में चंद लोग ही IAS, IPS, IFS, IRS बन पाते हैं. हर साल लाखों युवा आईएएस बनने का ख्वाब देखते हैं, महीनों-सालों यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करते हैं. लेकिन परीक्षा क्लियर करने के बाद और आईएएस बनने के बाद भी उनकी चुनौतियां खत्म नहीं होती हैं. आज एक ऐसे ही आईएएस के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं, जिनकी कहानी जानकर आप भी सीख सकते हैं कि एक इमानदार अधिकारी को किन-किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. पढ़ें पूरी सक्सेस स्टोरी-

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तुकाराम मुंढे 2005 बैच के आईएएस अधिकारी (IAS Tukaram Mundhe UPSC Batch) हैं. वह अपनी इमानदारी को लेकर मशहूर हैं. उन्हें तबादलों का सुल्तान कहा जाता है, क्योंकि उनके 16 साल के करियर में 19 बार उनका ट्रांसफर (IAS Tukaram Mundhe Transfer List) किया गया है. माना जाता है कि उन्हें अपनी इमानदारी के कारण ही इते ट्रांसफर देखने पड़े.

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तुकाराम मुंढे का जन्म महाराष्ट्र के बीड़ जिले के छोटे से गांव ताडसोना में हुआ था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वह एक गरीब परिवार से आते हैं और आईएएस बनने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा था. बचपन में वह स्कूल से आने के बाद खेतों के काम में अपने पिता का हाथ बंटाते थे. इसके बाद बाजार में जाकर सब्जियां बेचते थे.

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10वीं तक की पढ़ाई गांव में पूरी करने के बाद वह कॉलेज की पढ़ाई के लिए अपने रिश्तेदार के यहां औरंगाबाद रहने के लिए गए. उन्होंने 1996 में अपना ग्रेजुएशन पूरा किया. इसके बाद वह यूपीएससी की तैयारी में जुट गए. पहले प्रयास में उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी, लेकिन उन्होंने प्रयास छोड़ा नहीं और तीसरी बार में उन्होंने 2005 में परीक्षा क्लियर की और आईएएस बने (IAS Tukaram Mundhe UPSC).

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उनकी पहली पोस्टिंग महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में हुई. ज्वाइनिंग के साथ ही उन्होंने अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए और अवैध शराब के अड्डों पर रेड मारी. उनकी कार्यशैली की वजह से उनका जल्द ही ट्रांसफर कर दिया गया. 16 साल में उनका 19 बार स्थानांतरण किया जा चुका है.

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यहां तक कि एक बार रेत माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने पर उन्हें जान से मारने तक की धमकी मिल चुकी है. लेकिन वह इस सब से घबराए नहीं और इमानदारी के साथ अपना काम करते रहे.

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अपनी इमानदारी और बहादुरी की वजह से तुकाराम मुंढे लोगों के बीच भी काफी लोकप्रिय अधिकारी हैं. यह तमगा बहुत कम अधिकारी ही हासिल कर पाते हैं. बताया जाता है कि जिस भी जगह पर उन्होंने काम किया है, वहां अपनी अलग छाप छोड़ने में कामयाब रहे हैं. वह लोगों के पसंदीदा, तो अपराधियों के दुश्मन नंबर 1 रहे हैं.

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