1500 रुपये किलो बिकने वाली इस औषधि से किसान बना लखपति, बुंदेलखंड में की खेती

अनुज गौतम/सागर. मल्टी लेयर फार्मिंग और जैविक खेती के रूप में पहचान बनाने वाले सागर के युवा किसान आकाश चौरसिया के खेतों में काली हल्दी (जिसे किसान ब्लैक गोल्ड कहते हैं) भी लहलहा रही है. वह एक एकड़ से 5 लाख तक का मुनाफा कमा रहे हैं. इसका उपयोग एंटी कैंसर औषधि के रूप में भी किया जाता है. काली हल्दी सामान्यता ठंडे प्रदेशों जैसे असम गुवाहाटी, शिलांग या हिमालयी क्षेत्र में की जाती है. लेकिन, आकाश चौरसिया ने कम पानी वाले बुंदेलखंड जैसे इलाके में भी सफल प्रयोग किया है.

काली हल्दी की खेती से 5 लाख तक की कमाई
यही वजह है कि अब दूसरे किसान आकाश से इसके गुण सीखने के लिए उनके पास आ रहे हैं. आकाश बताते हैं कि एक एकड़ में हल्दी की खेती करने से 5 लाख तक का मुनाफा कमाया जा सकता है. काली हल्दी का उपयोग दैनिक जीवन में करने से व्यक्ति स्वस्थ और निरोग रहता है. इसके अलावा इसके पाउडर पेस्ट और तेल का भी मेडिसिन के रूप में उपयोग किया जाता है. आकाश पिछले 3 साल से काली हल्दी की खेती कर रहे हैं, इसके लिए वह मल्टी लेयर मॉडल का उपयोग कर रहे हैं. इस मॉडल में वह घास और बांस का एक स्ट्रक्चर तैयार करते हैं.

खड़ी हल्दी पाउडर, तेल पेस्ट से होती है कमाई
आगे बताया कि जमीन पर काली हल्दी की खेती करते हैं और फिर इसमें स्ट्रक्चर पर लता वाली फसल को लगाते हैं. आकाश चौरसिया बताते हैं कि काली हल्दी की खेती को दो प्रकार से किया जा सकता है. अगर आप मल्टी लेयर फार्मिंग में करते हैं तो फरवरी के महीने में हल्दी को लगाया जाता है. 9 महीने में यह पक जाती है और नवंबर के अंत या दिसंबर की शुरुआत तक इसकी खुदाई की जा सकती है. एक एकड़ की जगह में 25 क्विंटल हल्दी का उत्पादन हो जाता है.

इतना मिलता है रेट
वहीं अगर आप खुली जगह में काली हल्दी की खेती करते हैं तो उत्पादन 10 क्विंटल तक रह जाता है. इसके साथ ही इसे फिर मई और जून के महीने में लगाया जाता है, जो फरवरी महीने तक तैयार हो जाती है. काली हल्दी 1000 से डेढ़ हज़ार रुपये किलो बिक जाती है. वहीं, अगर इसका पाउडर बनाकर भेजते हैं तो 4 से 5 हजार रुपए किलो बिकती है. अगर, इससे तेल निकलते हैं तो 20,000 रुपये लीटर तक बिकता है.

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