दीपक कुमार/बांका: बिहार का बांका जिला मशरूम उत्पादन का हब माना जाता है. यहां बड़े पैमाने पर मशरूम का उत्पादन होता है. खास बात यह है कि बांका जिले की महिला ही अधिकतर इस व्यवसाय से जुड़ी हुई है. यहां की दर्जनों महिलाएं मशरूम उत्पादन में अग्रणी है और उनके इस कार्य के लिए कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है. बांका जिला मुख्यालय से सटे झिरबा गांव को मशरूम विलेज कहा जाता है. यहां दर्जनों महिलाएं मशरूम उत्पादन करने का काम करती हैं. उन्हीं महिलाओं में से एक नीतू कुमारी हैं, जो कई वर्षों से मशरूम उत्पादन कर रही हैं. बता दें की नीतू ने 1500 रुपए में मशरूम का उत्पादान शुरू किया था. अब सालाना 7 लाख से अधिक की कमाई कर रही है. फिलहाल नीतू सात प्रकार के मशरूम का उत्पादन कर रही हैं.
नीतू कुमारी ने बताया कि 2010 में 1500 रुपए खर्च कर 20 पैकेट से मशरूम का उत्पादन शुरू किया था. इससे होने वाली आमदनी से मन में यह विश्वास जगा कि मशरूम से अच्छी कमाई कर सकते हैं. उन्होंने बताया कि पहले घर पर ही मशरूम उत्पादन करते थे. मांग को देखते हुए अब तीन शेड में मशरूम उत्पादन कर रहे हैं. पहले एक प्रकार के मशरूम का उत्पादन करते थे, जब मशरूम उत्पादन की पूरी बारीकी को समझ लिया तो अब सात प्रकार के मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं. इसमें बांका जिला मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र का अहम योगदान रहा है.सात प्रकार में ऑयस्टर, बटन, मिल्की, संजर काजू, गुलाबी, पीला और ब्लू मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं.
मशरूम उत्पादन में इन बातों का रखना होता है ख्याल
नीतू कुमारी ने बताया कि ऑयस्टर मशरूम के उत्पादन में 20 से 25 दिन का वक्त लगता है जबकि बटन मशरूम तैयार होने में 45 से 50 दिन का समय लगता है. उन्होंने बताया कि पोस्ट मशरूम के लिए पहले भूसा को उपचारित कर 15 घंटे तक पानी में डालकर छोड़ दिया जाता है. इसके बाद वेबेस्टाइन, बुझा हुआ चुना और फिटकरी मिलाकर छानने के बाद सुखाया जाता है. सूखने में 50% नामी होना अनिवार्य है. इसके बाद पैकेट में डालकर 20-20 ग्राम का 5 लेयर लगाकर छोड़ दिया जाता है. नमी बनाए रखने के लिए समय-समय पर पानी भी दिया जाता है. जिससे भूसा में हमेशा नमी बरकरार रहता है. इसके बाद 20 से 25 दिन तक में मशरूम तैयार हो जाता है. इसके बाद तोड़कर पैकेजिंग कर बाजार में बिक्री के लिए भेज दिया जाता है.
मशरूम के एक पैकेट से 500 रुपए का होता है मुनाफा
नीतू कुमारी ने बताया कि एक पैकेट मशरूम उत्पादन करने में 50 रुपए खर्च आता है. एक पैकेट से 4 किलो तक मशरूम प्राप्त होता है. जिसकी कीमत 600 रुपए होती है. अगर आमदनी की बात की जाए तो सारा खर्च काटकर एक पैकेट पर 500 रुपए का शुद्ध मुनाफा होता है. नीतू ने बताया कि खुद से उत्पादित मशरूम को पैकिंग का स्थानीय बाजार में ही बिक्री कर देते हैं. जिससे सालाना 7 लाख से अधिक की कमाई हो जाती है. मशरूम उत्पादन को लेकर जिला प्रशासन से लेकर कृषि विश्वविद्यालय की ओर से सम्मान मिल चुका है.
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FIRST PUBLISHED : March 14, 2024, 08:29 IST