150 की रफ्तार में रेस लगाने के शौक ने ली ASP के बेटे की जान, दो आरोपी गिरफ्तार

लखनऊ. राजधानी में मंगलवार को एडिशनल एसपी के दस वर्षीय बेटे की सड़क हादसे में महज इसलिए जान चली गई, क्योंकि टक्कर मारने वाले लड़कों को यह देखना था कि उनकी नई गाड़ी कितनी रफ्तार से चल सकती है. 150 किलोमीटर की रफ़्तार से दौड़ती कार ने नैमिष की जान ले ली. टक्कर लगने के बाद नैमिष की बॉडी करीब 15 मीटर उछलकर डिवाइडर पर जा गिरी, पुलिस ने नैमिष को टक्कर मारने वाले एक्सयूवी सवार दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है. इसमें लखनऊ का ही रहने वाला सार्थक सिंह गाड़ी चला रहा था और उसका दोस्त देवश्री वर्मा बगल में बैठा हुआ था.

10 वर्ष के नैमिष की मां एडिशनल एसपी श्वेता श्रीवास्तव मंगलवार सुबह गोमती नगर विस्तार स्थिति जी 20 मार्ग पर बेटे को स्केटिंग सिखवाने कोच के साथ आई थीं. टक्कर मारने के बाद आरोपी फरार हो गए, जिसके बाद सीसीटीवी कैमरों के आधार पर सफेद रंग की एक्सयूवी 700 गाड़ी को चिन्हित किया गया था. टीम ने दो युवकों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक हादसे के समय गाड़ी ड्राइव कर रहा था, जबकि दूसरा बगल में बैठा हुआ था.

दोनों आरोपी गिरफ्तार
आरोपी सार्थक के पिता पूर्व में जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं. पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया है. आरोपी सार्थक एमिटी यूनिवर्सिटी में बीबीए का छात्र है, वहीं देवश्री इंजीनियरिंग का छात्र है. पुलिस ने वह कार महिंद्रा एक्सयूवी 700 UP32 NT 6669 भी बरामद कर ली है. यह कार कानपुर के ज्वैलर अंशुल वर्मा की है, जो आरोपी देवश्री के चाचा हैं.

सुबह 5 बजे सड़क पर लगा रहे थे रेस
सोमवार देर शाम ही देवश्री ने अपने चाचा से उनकी एक्सयूवी की चाबी ले ली थी और यह तय कर लिया था कि सुबह अपने दोस्त सार्थक के साथ गोमती नगर की-20 रोड पर रेस लगाई जाएगी. पुलिस के मुताबिक सुबह करीब सवा पांच बजे से रेस लगाने का सिलसिला शुरू हुआ. देवश्री ने एक्सयूवी की रफ्तार का कांटा 150 तक पहुंचा दिया था. इसके बाद सार्थक की बारी थी अपनी रफ्तार दिखाने की. सार्थक जी-20 रोड पर शहीद पथ से जी- 20 तिराहे की ओर आ रहा था, गाड़ी की रफ्तार 140-150 के करीब रही होगी.

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धुलवा दी गाड़ी, सबूत मिटाने का किया प्रयास
दोनों आरोपी भाग कर इंदिरा नगर पहुंचे, जहां पर सार्थक के पिता रविंद्र सिंह उर्फ पप्पू ने गाड़ी को धुलवाया. डेंट कराने की कोशिश की, लेकिन तब तक पुलिस तक पूरा मामला पहुंच चुका था. पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के जरिए गाड़ी का नंबर पता कर लिया था. पुलिस जब पप्पू के घर पहुंची तो पहले उसने इस बात से ही इंकार कर दिया कि सार्थक उसका बेटा है. लेकिन पुलिसिया सख्ती के चलते उसे दोनों आरोपियों और एक्सयूवी के बारे में बताना पड़ा. पुलिस ने पप्पू को आरोपियों को भगाने, छिपाने और सबूत छिपाने का आरोपी बना दिया है.

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