15 साल के बाद ग्रामीण इलाके में दिखा गिद्ध, पक्षी प्रेमी मान रहे हैं शुभ संकेत 

गुलशन कश्यप/जमुई : जो लोग नब्बे दशक में या इससे पहले पैदा हुए हैं, उन्होंने बड़ी संख्या में गिद्धों को अपने आस-पास मंडराते हुए देखा होगा. उनके बड़े पंख उनकी पहचान होते थे और जब वह आसमान में कलाबाजी करते थे तो ऐसा लगता था मानों कोई जहाज हवा में कलाबाजियां कर रहा हो. लेकिन 15 साल पहले यह पक्षी विलुप्त हो गया. 15 साल के बाद जमुई के गांव में अचानक गिद्ध पक्षी दिखा. इसके बाद ग्रामीणों ने जो किया उसे देखकर आप भी खुश हो जाएंगे और ग्रामीणों की सराहना करने लगेंगे. दरअसल, यह पूरा मामला जमुई जिला से सामने आया है.जहां करीब 15 वर्षों के बाद ग्रामीणों को गिद्ध को दिखा.

गिद्ध को देखकर लोगों ने किया यह काम
जमुई जिला के झाझा प्रखंड क्षेत्र स्थित बाराजोर गांव में 15 साल के बाद गिद्ध दिखा. ग्रामीणों ने गिद्ध को देखा और जब उसे उड़ते हुए देखा तब उन्हें यह एहसास हो गया कि यह गिद्ध ही है, जो करीब 15 साल पहले विलुप्त के कगार पर जा खड़ा हुआ था. ग्रामीणों ने जब गिद्ध को देखा तब उन्होंने आस-पास लोगों को इकट्ठा कर लिया और बच्चों को बुलाकर उसे दिखाने लगे. ग्रामीणों ने बताया कि हमने उसे उड़ते हुए देखकर ही इस बात की पहचान की. लोगों ने उसका वीडियो भी बना लिया. यह वीडियो भी सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें देखा जा सकता है कि गिद्ध पेड़ों पर बैठा हुआ है और हवा में करतब कर रहा है.

उचित ढंग से नहीं हो सका रख रखाव
पक्षियों की जानकारी रखने वाले मनीष कुमार ने बताया कि 15 वर्ष पूर्व तक इस इलाके में गिद्ध काफी संख्या में पाए जाते थे. गिद्धों की कई प्रजातियां यहां पर दिख जाती थी और यहां गिद्धेश्वर नाथ का मंदिर भी है जो गिद्धों के नाम पर है. उन्होंने बताया कि रामायण काल में पक्षीराज जटायु ने माता सीता की रक्षा के लिए अपने प्राण की आहुति दे दी थी, इसलिए गिद्ध काफी जरूरी भी है और हमारे समाज में यह सफाई का भी काम करते हैं. गिद्ध भोजन चक्र में पनपने वाली सभी प्रकार की गंदगी को साफ कर देते हैं, लेकिन उनका उचित ढंग से देखभाल नहीं किया गया, जिस कारण वह विलुप्त हो गए. हालांकि गिद्ध का दोबारा दिखना सुखद संकेत है.

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