15 मिनट के योग के दम पर फिट हैं 65 वर्ष के ये शास्त्री, जबरदस्त है फिटनेस

मोहित शर्मा/करौली. स्वस्थ रहने के लिए अगर आप स्वास्थ्य का बीमा कराना चाहते हैं तो नियमित कुछ समय योग करिए, यह आपके लिए जीवनभर प्रसन्न, आनंदित और ईश्वरमय में लीन रखेगा. योग ही जीवन का सार और विस्तार है. ऐसा हम नहीं ऐसा कह रहे हैं राजस्थान के करौली के रमेश शास्त्री. आखिर कहें भी क्यों ना आज वह 65 वर्ष की उम्र में इतने फिट जो ठहरे. रोजाना 15 मिनट के योग के दम पर करौली के यें शास्त्री इतने फिट है कि आज के नौजवानों को भी फिटनेस और स्लिम बॉडी में मात देते हैं.

चाहे दिन में कितनी भी व्यस्तता या काम हों. लेकिन शास्त्री एक भी दिन अपने 15 मिनट नियमित योग को नहीं छोड़ते हैं. इसी 15 मिनट के योग को शास्त्री अपनी फिटनेस का राज बताते हैं. वह यह भी बताते हैं कि लाखों रुपए खर्चकर जीवन बीमा करने के बजाय यदि योग किया जाए तो यह उससे भी बड़ा जीवन बीमा है.

कौन है यह शास्त्री 

पेशे से संस्कृत के रिटायर्ड प्रधानाचार्य रहें करौली के विद्वान पंडित रमेश चंद्र शास्त्री करौली ही नहीं बल्कि देशभर में जानी-मानी हस्ती है. वह युवाओं को योग के प्रति जागरूक और सनातन संस्कृति का प्रचार करने के साथ-साथ एक विद्वान भागवत आचार्य है. जो अब तक देशभर के अधिकांश राज्यों में 700 से ज्यादा भागवत वाच चुके हैं.

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कर्म में लानी है कुशलता तो बने योगी

लोकल 18 से खास बातचीत में पंडित रमेश शास्त्री ने बताया कि शास्त्रों में भी ऐसा लिखा है कि कर्म में यदि कुशलता लानी है तो योगी बनिए. योग ईश्वर प्राप्ति का साधन तों हैं ही परंतु अपने मन, शरीर, वाणी और किसी भी कार्य में दक्षता प्राप्त करने के लिए योग एक बहुत ही उत्तम साधन है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत योगी रहा इसीलिए भारत विश्व गुरु रहा हैं. विश्व गुरुत्व में योगी मुख्य कारण है.

अपनी फिटनेस को लेकर उन्होंने इसका मुख्य कारण बताया मैं नित्यम प्रति 15 मिनट का योग तो कम से कम करता हूं. उन्होंने बताया कि यदि दिन में 1 घंटे में भी कोई योग, सूक्ष्म व्यायाम और आसन प्राणायाम को यदि कोई व्यक्ति ईमानदारी से भी 15 मिनट करें तो निश्चितरूपेण वह सतायु होगा और स्वस्थ रहेगा.

युवाओं को दिया संदेश

शास्त्री का भारत के नवयुवकों के लिए कहना है कि स्वास्थ्य की रक्षा के लिए वह जिम जा रहे हैं और अन्य उपाय कर रहे हैं या बड़े-बड़े कीमती सामान लाकर अपने घर में व्यायामशाला खोल रहे हैं. उनसे मेरा निवेदन और संदेश है कि वें अपने घर में ही केवल 15 मिनट योग, सूक्ष्म व्यायाम और आसन प्राणायाम करें तो वह पूर्ण रूपेण स्वस्थ रहेंगे. पहले के समय में तो हमारे ऋषियों के पास केवल योग ही हुआ करता था. जिसके दम पर वें सतायु और सहस्रायु रहतें थे.

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