15 दिन की ट्रेनिंग के बाद बदली महिला की किस्मत, शुरू की इस चीज की खेती, अब हो रही है तगड़ी कमाई

राजकुमार सिंह/ वैशाली: स्ट्रॉबेरी की खेती आम तौर पर ठंडे प्रदेशों में की जाती है. हालांकि अब बिहार के वैशाली में भी स्ट्रॉबेरी की खेती बड़े पैमाने पर शुरू हो गई है. खास बात यह है कि वैशाली जिला के बाकरपुर हरपुर गांव की रहने वाली आरती कुमारी स्ट्रॉबेरी की खेती कर ना सिर्फ आत्मनिर्भर बन गई है, बल्कि महिला किसान के रूप में अपनी अलग पहचान भी बना ली है. आरती ने बताया कि खेती-किसानी करने का शौक शुरू से हीं था. इससे पहले सब्जी की खेती किया करती थी. अन्य किसानों से अलग हटकर कुछ करने की ललक के चलते हीं स्ट्रॉबेरी की खेती की ओर आकर्षित हुआ और अब पैमाने पर स्ट्रॉबेरी की खेती कर अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं.

आरती ने बताया कि अक्टूबर में स्ट्रॉबेरी को लगाया जाता है और जनवरी से लेकर आधा मई तक फल निकलता है. जिसे स्थानीय बाजार में बेच देते हैं. आरती ने बताया कि स्ट्रॉबेरी के एक पौधे से एक किलो तक फल निकलता है.उन्होंने बताया कि स्ट्रॉबेरी की खेती में अच्छा मुनाफा तो है हीं. साथ हीं यह फल स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है. इस कारण बाजार में स्ट्रॉबेरी को अच्छी कीमत मिल जाती है. आरती ने बताया कि हाजीपुर कृषि विज्ञान केंद्र से स्ट्रॉबेरी की खेती करने का ट्रेनिंग लिया था. 15 दिन की ट्रेनिंग में स्ट्रॉबेरी खेती की पूरी जानकारी हासिल कर ली. इसके बाद 100 पौधे से इसकी खेती की शुरुआत कर दी.

120 रुपए में बिकता है 200 ग्राम स्ट्रॉबेरी
आरती ने बताया कि फिलहाल अपने खेत में 2 हजार स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए हैं. स्ट्रॉबेरी की खेती को देखने के लिए जिलेभर से किसान आते हैं. उन्होंने बताया कि बचपन में स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में पढ़ा था. अब इसकी खेती कर रहे हैं. एक पौधे से 500 ग्राम से लेकर एक किलो तक फलन होता है. स्ट्रॉबेरी की खेती अकेले कर पाना संभव नहीं है, इसलिए चार से पांच महिलाओं को काम पर रखा है. उन्होंने बताया कि 200 ग्राम का पैकेट बनाकर 120 रुपए में बिक्री करते हैं.

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