15 दिनों के अंतर पर सूर्य और चंद्र ग्रहण! जानें भारत पर कितना पड़ेगा प्रभाव ?

परमजीत कुमार/देवघर : साल का पहला सूर्य ग्रहण वैशाख मास की अमावस्या अर्थात 20 अप्रैल को लगा था. हालांकि उस सूर्य ग्रहण के सूतक काल का प्रभाव भारत में नहीं था. वहीं 2023 का अंतिम और दूसरा सूर्य ग्रहण आश्विन माह में लगने जा रहा है. देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल बताते हैं कि अश्विन माह में दो ग्रहण लगने जा रहा है. एक सूर्यग्रहण और दूसरा चंद्र ग्रहण. इस खगोलीय घटना को बेहद खास संयोग भी बताया जा रहा है. एक ही महीने में दो ग्रहण कभी-कभार ही देखने को मिलता है. देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण किस तारीख को लग रहा है और क्या भारत में इसका प्रभाव रहेगा?

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 के संवाददाता को जानकारी देते हुए कहा कि आश्विन महीने में दो ग्रहण एक साथ लगने जा रहा है. साल का अंतिम सूर्य ग्रहण और आखिरी चंद्र ग्रहण 15 दिनों के अंतराल में लगने वाला है. पंचांग के अनुसार साल 2023 का दूसरा सूर्य ग्रहण 14 अक्टूबर को लगेगा. इस दिन अश्विन मास की अमावस्या तिथि है. वहीं यह ग्रहण भारतीय समयानुसार रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होकर अगले दिन दोपहर 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा. रात में सूर्य ग्रहण का प्रभाव निम्न रहता है. इसलिए साल का आखिरी सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं रहने वाला है.

क्या सूतक का पड़ेगा प्रभाव ?
साल का आखिरी सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 14 अक्टूबर की रात को लगने जा रहा है.यानी अश्विन अमावस्या के दिन लगने वाला है.सूर्य ग्रहण दिखाई ना पड़ने के कारण इसका प्रभाव भी नहीं रहने वाला है .सूर्य ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाता है. जिसमें मांगलिक कार्य और शुभ कार्य की मनाही होती है. लेकिन इस ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं पड़ने के कारण सूतक काल का भी प्रभाव भारत में नहीं रहने वाला है. यानी सूर्य ग्रहण के दिन मांगलिक कार्य जातक कर सकते हैं देश के सभी मंदिर भी खुले रहेंगे.

विश्व के इन देशो पर रहेगा प्रभाव
साल 2023 का दूसरा और अंतिम सूर्यग्रहण के सूतक काल का प्रभाव भारत में नहीं रहेगा. इसलिए इस साल का दूसरा सूर्यग्रहण दक्षिण अमेरिका के क्षेत्रों को छोड़कर उत्तरी अमेरिका, कनाडा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड, ग्वाटेमाला, मैक्सिको, अर्जेटीना, कोलंबिया, क्यूबा, बारबाडोस, पेरु, उरुग्वे, एंटीगुआ, वेनेजुएला, जमैका, हैती, पराग्वे, ब्राजील, डोमिनिका, बहामास, सहित अन्य जगहों पर दिखाई देगा

क्यों लगता है लगता है सूर्य ग्रहण?
ग्रहण एक खगोलीय घटना है सूर्य ग्रहण की स्थिति तब बनती है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है.वही ज्योतिषी ओर धर्म शास्त्र के अनुसार ग्रहण अशुभ माना जाता है. ग्रहण के समय में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ता है.जब ग्रहण लगता है उसे 12 घंटे पहले सूतक का लगता है उस समय देश के सभी मंदिर का पट बंद कर दिया जाता है और मांगलिक कार्य बंद हो जाते हैं. लेकिन साल का आखिरी सूर्य ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं है.

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