अभिनव कुमार/दरभंगा. दुर्गा पूजा 15 से शुरू हो जाएगी. इस नवरात्रि के दौरान जो लोग दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं उन्हें कलश स्थापना से एक दिन पूर्व अपने आप को पवित्र करना होता है. इसके पीछे की क्या है कहानी और क्या है तथ्य? इस पर आगे हम जानेंगे ज्योतिषाचार्य से. लेकिन उससे पहले बता दें कि किसी भी सुबह कार्य या पूजा पाठ को करने से पहले अपने आप को पवित्र करना तो स्वाभाविक माना गया है. ताकि पूजा सफल हो. इस पर विशेष जानकारी कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के PG ज्योतिष विभाग के विभाग अध्यक्ष डॉ कुणाल कुमार झा ने दी.
14 अक्टूबर को है महाल्या आरंभ
इस पर विशेष जानकारी देते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष डॉ कुणाल कुमार झा ने बताया कि 14 अक्टूबर को महाल्या आरंभ है. इस दिन पितृपक्ष का समापन होता है और फिर उसके बाद महानवमी व्रत की शुरुआत होती है. इसलिए इस दिन अपने आप को पवित्र करना अति आवश्यक होता है. खासकर जो व्यक्ति दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं, उन्हें इस दिन विधि विधान पूर्वक अपने आप को पवित्र करना होता है. साथ में नवीन वस्त्र के साथ नया जेनोउ भी धारण करना होता है. तत्पश्चात महानवमी व्रत के लिए पूजन सामग्री का संग्रह इसी दिन करना चाहिए.
इस दिन करनी चाहिए पूजा
खुद को पवित्र करके तभी अगले दिन कलश स्थापना के साथ महानवमी व्रत की शुरुआत करनी चाहिए. जिससे देवी प्रसन्न हो . इसके बाद पूरी विधि विधान के साथ मां भगवती, मां दुर्गे जगत जननी की पूजा अर्चना करनी चाहिए और साथ में मां का मंत्र अवश्य जाप करना चाहिए या ‘देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थितम नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः’
(नोट:- चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, वास्तु, फेंग शुई आदि विषयों पर आलेख अथवा वीडियो समाचार सिर्फ पाठकों की जानकारी के लिए है. इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है. Local 18 इन तथ्यों की कहीं से भी पुष्टि नहीं करता.)
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FIRST PUBLISHED : October 11, 2023, 13:46 IST