12 साल से नहीं बन पाई नेपाल सीमा से सटी ये सड़क, हाईकोर्ट तक पहुंचा था विवाद

सच्चिदानंद/पटना:- भारत-नेपाल सीमा से सटे सात जिलों को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण अब जल्द ही पूरा होने वाला है. पिछले 12 सालों से इस सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है. इसकी लंबाई लगभग 552.29 किमी है, जो भारत-नेपाल सीमा से सटे सात जिलों से होकर गुजरती है. दो लेन की इस सड़क को बनाने के लिए एजेंसी और सरकार के बीच विवाद भी हुआ और मामला कोर्ट तक भी पहुंचा. हाईकोर्ट के निर्देश के बाद फिर से काम शुरु हुआ और अब दिसंबर 2024 तक इस सड़क को बनाने का लक्ष्य रखा गया है.

इन जिलों से गुजरेगी यह सड़क
भारत नेपाल सीमा से सटे बिहार के सात जिलों से यह सड़क गुजर रही है. इसकी लंबाई 552.29 किमी है और यह दो लेन की सड़क है. सात जिलों में पश्चिम चंपारण में 111.09 किमी, पूर्वी चंपारण में 77.24 किमी, सीतामढ़ी में 89.92 किमी, मधुबनी में 39.21 किमी, सुपौल में 40.99 किमी, अररिया में 102.12 किमी और किशनगंज में 91.70 किमी सड़क का निर्माण होना है.

2012 में मिली थी मंजूरी
पश्चिम चंपारण से शूरू होने वाली यह सड़क किशनगंज तक बन रही है. नेपाल सीमा से लगने वाले सभी सात जिलों से यह सड़क गुजरेगी. इससे इन जिलों में आवागमन आसान हो जाएगा. साथ ही भविष्य में भारत की सुरक्षा की दृष्टि से भी यह सड़क काफी खास है. 552.29 किमी से भी ज्यादा लंबी इस सड़क को बनाने की मंजूरी साल 2012 में मिली थी. 25 जून 2013 को सुपौल के सरायगढ़ में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने इसका शिलान्यास किया था. उस समय ये 2552 करोड़ रुपए में बनना था और इस सड़क का निर्माण 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन जमीन अधिग्रहण, पैसों की कमी और एजेंसी की सुस्ती के कारण समय सीमा में बढ़ोतरी होती गई और अब दिसंबर 2024 में बन जाने की बात कही जा रही है.

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हाईकोर्ट भी पहुंचा मामला
सात जिलों को जोड़ने वाली 552.29 किलोमीटर लंबी यह सड़क 364 गांवों से गुजरने वाली है. इसके लिए 2886 एकड़ जमीन अधिग्रहण होनी थी. 300 गांवों की 2344 एकड़ जमीन अधिग्रहण आसानी से हो गई. लेकिन 64 गांवों की 541 एकड़ जमीन अधिग्रहण होने में लंबा समय लगा. इनमें अररिया में 210 एकड़, बेतिया में 112 एकड़, मोतिहारी में 141 एकड़ और किशनगंज में 76 एकड़ जमीन अधिग्रहण में समस्या हुई. मोतिहारी में तो अभी भी जमीन अधिग्रहण में समस्या हो रही है.

इसी दौरान कार्य एजेंसी और सरकार के बीच निर्धारित भाव को लेकर विवाद हो गया. मामला हाईकोर्ट पहुंचा और न्यायालय के आदेश के बाद फिर से काम शुरु हुआ. अब तक लगभग 320 किलोमीटर सड़क का निर्माण हो चुका है. जबकि बाकी सड़क के सतह का काम पूरा हो चुका है. उम्मीद है कि दिसंबर तक दो लेन वाली इस अति महत्वपूर्ण सड़क की सौगात देशवासियों को मिलेगी.

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