उधव कृष्ण, पटना. आस्था के महापर्व छठ का कल सुबह के अर्घ्य के बाद पारण के साथ समापन हो गया. इस खबर में हम पटना की एक ऐसी गली की बात करने जा रहे हैं, जहां इंसानों के साथ मूर्तियों ने भी पूरे विधि विधान के साथ छठ व्रत पूर्ण किया. इतना ही नहीं, बल्कि मूर्तियों ने भगवान सूर्य को दूध का अर्घ्य भी दिया. ये सब कुछ संभव हुआ पटना सिटी के शिवगंगा नगर के कुछ युवाओं की कलात्मकता से.बताते चलें कि युवाओं के द्वारा इस तरह की मूर्तियों की स्थापना यहां पिछले 5 सालों से की जा रही है, जो घाट पर जाने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन जाती है.
जानिए मूर्तियों ने कैसे दिया अर्घ्य?
शिवगंगा नगर के स्थानीय युवा और नवयुवक संघ के नेतृत्वकर्ता रौशन कुमार ने बताया कि मूर्तियों के मोमेंटम को मशीनों और रस्सियों के द्वारा इस प्रकार सेट किया गया कि वे अर्घ्य देती प्रतीत हों. इसके लिए जब व्रती का सूप सूर्य भगवान की ओर घूमता और मूर्ति अपने प्लेटफार्म से आगे बढ़ती, तब व्रती की सूप को दूसरी मूर्ति के द्वारा दूध का अर्घ्य दिया जाता. इसके बाद व्रती की मूर्ति का हाथ सूर्यदेव की ओर उठ जाता और फिर व्रती और अर्घ्य देने वाली की मूर्ति यथा स्थान पर पहुंच जाती. इस दौरान भगवान सूर्य देव का गला व्रतियों की ओर घूमता और हाथ भी आशीर्वाद के लिए उठता और फिर अपना स्थान ले लेता. रौशन की माने तो सबसे कठिन कार्य मूर्तियों के सही मोमेंट को सेट करना था.
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एक ही रात में तैयार हुआ सेट अप
नवयुवक संघ के कार्यकर्ता बंटी ने बताया कि इस बार समय कम होने के कारण एक ही रात में पूरा सेटअप तैयार करना पड़ा. इसके लिए युवाओं ने रातभर मेहनत कर पहले स्टेज का प्लेटफार्म बनाया और फिर मूर्तियों को मशीनों के साथ सेट किया. वहीं एक अन्य युवा कार्यकर्ता शुभम ने बताया कि सुबह के अर्घ्य तक मूर्तियां पूरी तरह मूवमेंट करने लगी, इस कारण आने-जाने वाले लोग रुककर अर्घ्य देने वाली इन मूर्तियों के दर्शन करने लगे.
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FIRST PUBLISHED : November 21, 2023, 08:33 IST