शिखा श्रेया/रांची. भारत कृषि प्रधान देश है और आज भी यहां पुरानी पद्धति से खेती की जाती है, लेकिन आजकल की हाई टेक्नोलॉजी जहां हर फील्ड में अपनी छाप छोड़ रही है, तो इसका उपयोग किसान की बेहतरीन के लिए भी किया जा रहा है. इसी क्रम में झारखंड की राजधानी रांची के जेवीएम श्यामली के 11वीं क्लास के दो बच्चों ने ‘किसान मित्र द एंग्रीबोट’ नामक एक रोबोट तैयार किया है, जो किसानों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है.
श्यामली स्कूल के विधार्थी प्रद्युम्न राज और सचिन कुमार ने मिलकर इस रोबोट को तैयार किया है. अपनी मॉडल को समझाते हुए प्रद्युम्न ने लोकेल 18 को बताया कि हमें शुरू से ही एक ऐसी चीज बनानी थी, जो एग्रीकल्चर सेक्टर में रिवॉल्यूशन लाने का काम करें. यह एक ऐसा रोबोट है जो किसानों के लिए वन स्टॉप सॉल्यूशन हो सकता है. किसानों के मन में जो भी सवाल है. वो सारे जवाब उनके पूछने भर में ही उन्हें मिल जाएंगे.
रोबोट की स्क्रीन पर मिल जाएगी सारी जानकारी
प्रद्युम्न ने बताया कि रोबोट के सामने एक स्क्रीन लगी हुई है. आप जो भी सवाल पूछेंगे उसका जवाब स्क्रीन में डिस्प्ले हो जाएगा. मान लीजिए आपने यह पूछा कि कोई सस्ते खाद के बारे में जानकारी चाहिए, तो रोबोट आपको सस्ते से सस्ते खाद की सारी जानकारी और लिस्ट आपके सामने निकाल कर रख देगा, वह भी आप ही की भाषा में. उन्होंने आगे बताया कि कई बार किसानों के लिए एक से बढ़कर एक शानदार स्कीम लाई जाती है, लेकिन किसानों को इस बारे में पता नहीं होता. ऐसे में किसान उन सारी स्कीम की जानकारी सिर्फ पूछने भर से ही प्राप्त कर सकते हैं. किस मौसम में क्या उगाना बेहतरीन होगा, इरिगेशन के लिए क्या सही विकल्प होगा, हर तरह के सवाल का जवाब उन्हें यहां मिल जाएगा.
सबसे सस्ता रोबोट
प्रद्युम्न बताते हैं कि इसकी सबसे बड़ी खास बात यह है कि जब भी दिमाग में रोबोट की बात आती है तो लगता है कि महंगा होगा. लेकिन यह रोबोट बनाने में हमें 2000 रुपये से भी कम की लागत लगी है और इससे बड़ा जो हम रोबोट बनाने वाले हैं. वह मात्र 6000 रुपये में बनकर तैयार होगा. यानी एक किसान आसानी से अफोर्ड कर पाएगा और रोबोट प्लास्टिक का बनकर तैयार होगा. यानी इसका टूटने का डर बिल्कुल नहीं होगा और काफी ड्यूरेबल होगा, जो सालों साल चलेगा.
उन्होंने आगे बताया कि मुझे और सचिन दोनों को कई इनोवेशन करने का हमेशा से शौक रहा है और आगे भी चल कर हम दोनों मिलकर और भी इनोवेशन करना चाहते हैं. इसके लिए हम दोनों का लक्ष्य है कि आगे चलकर आईआईटी क्रैक कर इंजीनियरिंग की फील्ड में कुछ ऐसा इनोवेशन करें जिससे वीकर सेक्शन ऑफ सोसाइटी को जबर्दस्त फायदा पहुंचे.
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FIRST PUBLISHED : December 28, 2023, 12:08 IST