104 बीपीएससी नियोजित शिक्षकों पर लटक रही कार्रवाई की तलवार, जारी हुआ अल्टीमेटम

गुलशन कश्यप/जमुई. बीपीएससी नियोजित शिक्षकों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. अपने पदस्थापन के बाद आज तक जिन शिक्षकों ने अपने विद्यालय में योगदान नहीं दिया है, उनके खिलाफ शिक्षा विभाग बड़ा एक्शन लेने जा रहा है. शिक्षा विभाग ने इसको लेकर एक पत्र जारी किया है और सभी शिक्षकों के लिए अल्टीमेटम जारी किया है और कहा है कि अगर इस समय के भीतर सभी शिक्षकों ने अपने मूल विद्यालय में योगदान नहीं दिया तो उनके खिलाफ बड़ा एक्शन लिया जाएगा. 

शिक्षा विभाग के इस फरमान के बाद नियोजित शिक्षकों में हड़कंप मचा हुआ है. गौरतलब है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और माध्यमिक शिक्षा निदेशक के द्वारा जारी निर्देश के आलोक में ऐसे सभी शिक्षकों के लिए जिला शिक्षा विभाग के द्वारा अल्टीमेटम जारी किया गया है और उन्हें 7 दिनों का समय दिया गया है.

इन शिक्षकों के खिलाफ की जाएगी कार्रवाई

गौरतलब है कि बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा के प्रथम चरण में सफल कई शिक्षक अभ्यर्थियों ने अब तक अपने विद्यालय में योगदान नहीं दिया है. ऐसे शिक्षकों के खिलाफ अब शिक्षा विभाग कार्रवाई करने की योजना बना रहा है. जमुई जिला में 104 ऐसे शिक्षक हैं, जिन्होंने अब तक अपने मूल विद्यालयों में योगदान नहीं दिया है और उन सभी के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा अल्टीमेटम जारी कर उन्हें 7 दिन का समय दिया गया है. डीईओ कपिल देव तिवारी के द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि अगर 7 दिन के अंदर ऐसे सभी शिक्षकों ने अपने-अपने विद्यालय में योगदान नहीं दिया तो उनके नियुक्ति को ही समाप्त कर दिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि जमुई जिले के खैरा प्रखंड में सर्वाधिक 22 शिक्षक ऐसे हैं, जिन्होंने अपने विद्यालय में योगदान नहीं दिया है.

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4 कैटेगरी में बांटे गए शिक्षक

अपने विद्यालय में योगदान नहीं देने वाले शिक्षकों के साथ-साथ योगदान देने वाले शिक्षकों पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है. दरअसल, शिक्षा विभाग ने बीपीएससी नियोजित शिक्षकों को कुल चार कैटेगरी में रखा है. जिसमें पहले कैटेगरी में वैसे शिक्षक हैं, जिन्होंने अपने विद्यालय को जॉइन भी नहीं किया है और विद्यालय पदस्थापन पत्र भी नहीं लिया है. दूसरी कैटेगरी में वैसे शिक्षकों को रखा गया है, जिन्होंने नियुक्ति पत्र और विद्यालय पदस्थापन पत्र तो ले लिया है लेकिन जॉइन नहीं किया है. तीसरी कैटेगरी में वैसे शिक्षकों को रखा गया है, जिन्होंने नियुक्ति पत्र प्राप्त कर विद्यालय में योगदान भी किया है लेकिन उनके योगदान की स्वीकृति कंप्यूटर सिस्टम पर नहीं हुई है और यह शिक्षक अब तक विद्यालय से फरार है. वैसे सभी शिक्षकों के खिलाफ भी शिक्षा विभाग कार्रवाई करने का मूड बना रहा है. डीईओ कपिल देव तिवारी ने बताया कि 7 दिनों के भीतर अगर ऐसे शिक्षक अपने विद्यालय में योगदान नहीं देते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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