10000 KG नैवेद्यम, देसी घी का हलवा,महावीर मंदिर में 22 जनवरी को लेकर ये तैयारी

सच्चिदानंद/पटना. अयोध्या में राममंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर महावीर मंदिर में भी उत्सव मनाया जाएगा. इस दिन महावीर मन्दिर के दक्षिणी कोने पर स्थित सीता-राम की प्रतिमा के सामने सुबह 9 बजे से अखंड कीर्तन का आयोजन होगा. रात्रि 9 बजे तक रामचरितमानस से रामजन्म प्रसंग एवं अन्य रामधुन कीर्तन होगा. महावीर मन्दिर को फूलों से सजाया जाएगा. 22 जनवरी को दोपहर में अयोध्या में रामजन्मभूमि पर नये मन्दिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में पटना के महावीर मन्दिर में दोपहर 2 बजे से शुद्ध देसी घी में तैयार हलवा प्रसाद का वितरण भक्तों के बीच किया जाएगा.

अयोध्या में होनेवाले प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का लाइव प्रसारण महावीर मन्दिर परिसर में लगे एलईडी स्क्रीन पर किया जाएगा. इसके साथ ही संध्या 6 बजे महावीर मन्दिर प्रांगण में 1100 दिए जलाए जाएंगे. आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि लंका विजय के बाद जब मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्यावासियों ने पूरे नगर में दीप जलाकर उत्सव मनाया था.

10 हजार किलो बनेगा नैवेद्यम
22 जनवरी को रामजन्मभूमि पर नए मन्दिर में रामलला प्रतिमा की प्राण-प्रतिष्ठा वैसी ही खुशी का अवसर है. इस अवसर पर महावीर मन्दिर में पूरे उत्साह से उत्सव मनाया जाएगा. भक्तों की संभावित भीड़ को देखते हुए सुरक्षा के आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं. इस अवसर पर 10 हजार किलो नैवेद्यम तैयार किया जा रहा है. इसकी कीमत लगभग 33 लाख रुपए होगी. रामलला के राममंदिर से पटना के महावीर मन्दिर का खास संबंध रहा है.

महावीर मंदिर द्वारा पेश हुआ था अहम सबूत
अयोध्या रामजन्मभूमि के लिए वर्षों चली कानूनी लड़ाई में महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने ऐतिहासिक साक्ष्य प्रस्तुत किये. इलाहाबाद हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक कानूनी लड़ाई में अहम भूमिका निभाई. आचार्य किशोर कुणाल ने अयोध्या के इतिहास पर कुल 1600 पृष्ठों की ‘अयोध्या रिविजिटेड’ एवं ‘अयोध्या बियोंड एड्यूस्ड एविडेंस’ नाम से दो ऐतिहासिक पुस्तकों की रचना की. ये पुस्तकें दस्तावेज रूप में इलाहाबाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में साक्ष्य के तौर पर प्रस्तुत की गयी.

सर्वोच्च न्यायालय में निर्णायक बहस के दौरान आचार्य किशोर कुणाल ने वह नक्शा बनाकर उपलब्ध कराया जिससे यह साबित हो सका कि विवादित ढांचे के बीचो-बीच रामलला का जन्म स्थान है. यह नक्शा रामजन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के लिए निर्णायक कड़ी साबित हुआ.

फैसले के तुरंत बाद दो घोषणाएं
9 नवंबर 2019 को रामजन्मभूमि के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने दो महत्वपूर्ण घोषणाएं की. पहली घोषणा यह कि राम मन्दिर निर्माण में महावीर मन्दिर की ओर से 10 करोड़ रुपये की सहयोग राशि दी जाएगी. रामजन्मभूमि पर राम मन्दिर निर्माण के लिए 5 मार्च 2020 को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का खाता खुलने के दिन ही 2 करोड़ रुपये की पहली किश्त महावीर मन्दिर द्वारा दे दी गयी.

आगे प्रतिवर्ष 2 करोड़ दिए गये. 19 जनवरी को 2 करोड़ रुपये की अंतिम किश्त दी जाएगी. महावीर मन्दिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे.

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दूसरी घोषणा यह हुई कि रामलला के दर्शनार्थियों के लिए निःशुल्क राम-रसोई का संचालन किया जाएगा. एक दिसंबर 2019 को विवाह पंचमी के दिन से रामजन्मभूमि से सटे अमावा राम मन्दिर परिसर में महावीर मन्दिर की ओर से राम रसोई शुरू हो गयी.

यहां अभी औसतन 4 हजार राम भक्त 9 प्रकार के शाकाहारी शुद्ध व्यंजन करते हैं. 20 जनवरी से यह राम-रसोई शाम में भी संचालित होगी, तब यहाँ देश-विदेश के औसतन 10 हजार भक्तों के प्रतिदिन निःशुल्क भोजन करने का अनुमान है.

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