परमजीत कुमार/देवघर. सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रखती हैं. हिंदू धर्म में इस पर्व का खासा महत्व है. पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती है. इस पर्व में चंद्रमा का काफी महत्व है. महिलाएं दिन भर व्रत रखकर शाम में पूजा के बाद चांद देखकर ही अपना व्रत तोड़ती हैं. इस बार 100 साल बाद करवा चौथ पर महासंयोग का निर्माण हो रहा है.
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 को बताया कि इस साल करवा चौथ का व्रत 1 नवंबर दिन बुधवार को रखा जाएगा. इस साल करवा चौथ के दिन 100 साल के बाद महासंयोग बनने जा रहा है. इस योग से पर्व का महत्व और बढ़ जाता है. करवा चौथ के दिन पूजा करने से अखंड सौभाग्यवती और सुखमय वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दिन चंद्रमा को दूध का भोग भी लगाया जाता है.
जानें शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ मनाया जाता है. इस साल चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर की रात 10 बजकर 42 मिनट से शुरू हो रही है और समापन अगले दिन यानी 1 नवंबर दिन बुधवार रात 09 बजकर 53 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा. इस दिन रात 8 बजे चंद्रोदय होगा और 8 बजकर 05 मिनट में चंद्रमा दिखाई देगा. इसलिए 1 नवंबर की शाम 05 बजकर 12 मिनट से रात 8 बजकर 05 मिनट तक शुभ मुहूर्त रहने वाला है. इस समय आप चंद्रमा को देखकर व्रत तोड़ सकते हैं. यह समय काफी शुभ रहने वाला है.
शुभ योग का हो रहा निर्माण
100 साल के बाद इस बार करवा चौथ के दिन चंद्रमा में मंगल और बुध एक साथ विराजमान है. जिससे बुधआदित्य योग बन रहा है. इसके साथ ही उस दिन शिवयोग या शिववास और सर्वार्थ योग भी बन रहा है. इसके कारण इस साल का करवा चौथ काफी शुभ रहने वाला है. जो सुहागन महिलाएं इस दिन व्रत रखकर चन्द्रमा को अर्ध्य देंगी. उसकी मनोकामनाएं जरूर पूर्ण होगी. साथ ही वैवाहिक जीवन सुखमय रहने वाला है. करवा चौथ के दिन शिववास रहने के कारण शिव जी के साथ गणेश भगवान का भी आशीर्वाद प्राप्त होने वाला है.
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FIRST PUBLISHED : October 20, 2023, 11:02 IST