10 साल में 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत : WEF चीफ बोर्गे ब्रेंडे

खास बातें

  • स्विटजरलैंड के दावोस में 15 से 19 जनवरी तक चलेगी बैठक
  • दुनियाभर के 2800 से अधिक नेता बैठक में कर रहे शिरकत
  • बैठक में 3 केंद्रीय मंत्री कर रहे भारत का प्रतिनिधित्व

दावोस:

विश्व आर्थिक मंच यानी वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (World Economic Forum) की सलाना बैठक 15 जनवरी से स्विटजरलैंड के दावोस में शुरू हुई. ये बैठक 19 जनवरी तक चलेगी. दावोस की बैठक में भारत से तीन मंत्री और 3 सीएम शिरकत कर रहे हैं. युद्ध और संकटों से बिखरती दुनिया को ध्यान में रखते हुए इस बैठक की थीम ‘रिबिल्डिंग ट्रस्ट’ (विश्वास का पुनर्निर्माण) रखी गई है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (Davos Summit 2024) के चीफ बोर्गे ब्रेंडे ( Borge Brende) ने NDTV के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में वर्तमान में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है. शायद एक दशक में भारत 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है. 

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वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के चीफ बोर्गे ब्रेंडे ने सोमवार (15 जनवरी) को दिए गए खास इंटरव्यू में भारत के विकास की कहानी की तुलना एक स्नोबॉल (बर्फ के गोले) से की. स्नोबॉल… जिसे एक बार धक्का दिए जाने पर ये पहले से बड़ी होती जाती है.

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बोर्गे ब्रेंडे ने कहा, ”हमें उम्मीद है कि सुधारों के साथ चीजें जारी रहेंगी. दुनिया में शांति रहेगी और कोई संघर्ष नहीं रहेगा. पारदर्शिता और लालफीताशाही के खिलाफ लड़ाई ही निवेश, अनुसंधान और विकास का बुनियादी ढांचा है.”

आने वाले दिनों में भारत के विकास के लिए प्रमुख चालक क्या हो सकते हैं? इस सवाल के जवाब में बोर्गे ब्रेंडे ने कहा, “अब भारत के लिए जो काम कर रहा है, वह उन क्षेत्रों में स्थित है, जहां मांग अन्य क्षेत्रों की तुलना में तेजी से बढ़ती है… भारत इसका लाभ उठा रहा है.”

भारत की अर्थव्यवस्था के लिए 2023 का साल बहुत अच्छा रहा. 2023 में भारत की GDP 3.73 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गई, तो प्रति व्यक्ति GDP 2610 डॉलर हो गई. इसी साल भारत की अनुमानित विकास दर 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है, जबकि दुनिया की औसत विकास दर केवल 2.9 फ़ीसदी रही थी.

पूरी तरह से मैन्युफैक्चरिंग पर आधारित चीनी अर्थव्यवस्था के साथ विरोधाभास दर्शाते हुए ब्रेंडे ने कहा कि भारत को अपनी सर्विस इंडस्ट्री, डिजिटल ट्रेड और ई-कॉमर्स पर फोकस करने की जरुरत है. उन्होंने कहा, “जबकि डिजिटल ट्रेड ग्लोबल इकोनॉमी का सिर्फ 15 प्रतिशत है. यह किसी भी अन्य व्यापार क्षेत्र की तुलना में दोगुना तेजी से बढ़ता है. भारत फिलहाल अविश्वसनीय रूप से सफल अर्थव्यवस्था है. उसे सुधारों को जारी रखना होगा. क्योंकि दुनिया में कुछ भी मुफ्त जैसी कोई चीज नहीं होती.”

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क्या चीन के साथ सीमा तनाव चिंता का विषय है? इस सवाल के जवाब में ब्रेंडे ने कहा, “हर कोई इसे बहुत करीब से देख रहा है. लेकिन मुझे नहीं लगता कि इसे आगे बढ़ाने में भारतीय या चीनी पक्ष की कोई दिलचस्पी है. क्योंकि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण होगा.”

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना रिपोर्ट में उन कई चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिनका दुनिया आज सामना कर रही है. इसमें युद्ध और जीवनयापन के खर्चों के साथ मौजूदा संघर्ष और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव शामिल हैं.

बता दें कि वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की सालाना बैठक में वर्ल्ड बैंक के ग्रुप प्रेसिडेंट अजय बंगा, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिनकेन, माइक्रोसॉफ्ट के CEO सत्य नडेला, स्टैंडर्ड चार्टर्ड के CEO बिल विंटर्स समेत दुनियाभर के 60 देशों के नेता शामिल हो रहे हैं.

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