जशपुर. छत्तीसगढ़ के जशपुर से चौंकाने वाली खबर है. यह शांत जिला अब एक बार फिर हिंसा की चपेट में आता दिखाई दे रहा है. यहां दस साल बाद नक्सलियों की आहट हुई है. उनकी मौजूदगी ने सरकार को चिंता में डाल दिया है. चूंकि, ये नक्सलियों की आहट लोकसभा चुनाव से कुछ ही महीने पहले हुई है, इसलिए सुरक्षा बल अलर्ट मोड पर हैं. जशपुर को नक्सलमुक्त जिला घोषित किया गया था. इस वजह से सीआरपीएफ को यहां से हटा लिया गया था. लेकिन, अब एक बार फिर सीआरपीएफ को यहां तैनात करने की मांग उठ रही है.
गौरतलब है कि, सुरक्षाबलों की हाल ही में उस वक्त नींद उड़ गई थी, जब दो दिन पहले को कुनकुरी क्षेत्र से 3 नक्सलियों और उनके तीन सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया. सुरक्षाबलों ने जब उन्हें गिरफ्तार किया तो वे सन्न रह गए. क्योंकि, नक्सलियों के पास से एके 47 और 90 राउंड जिंदा कारतूस मिले थे. हैरानी वाली बात यह भी है कि इन नक्सलियों की गिरफ्तारी सीएम विष्णुदेव साय के विधानसभा क्षेत्र से हुई है. इसलिए ये गिरफ्तारी कई सवालों को जन्म दे रही है. इतने बड़े हथियार देख अब सुरक्षाबल चौंकन्ने हो गए हैं. नक्सलियों के घर में सर्चिंग और तेज कर दी गई है.
जिले के बीचों-बीच दिखे नक्सली
बताया जा रहा है कि जिन नक्सलियों की गिरफ्तारी हुई है वे झारखंड पुलिस से बचने के लिए यहां छिपे हुए थे. लेकिन, यह बात नक्सली एक्सपर्ट और स्थानीय लोगों के गले नहीं उतर रही. सभी का कहना है कि नक्सलियों को छिपना होता तो वो जशपुर जिले के झारखण्ड या ओडीशा सीमा से लगे गांव में छिपते, न कि जशपुर जिले के बीचों-बीच कुनकुरी क्षेत्र में. दूसरा, नक्सलियों को सिर्फ छिपना ही होता तो वे अपने साथ एके 47 जैसे हथियार और 90 राउंड कारतूस नहीं रखते.
सीआरपीएफ को तैनात करने की मांग
बता दें, कुछ सालों पहले छत्तीसगढ़ के जशपुर को नक्सलमुक्त जिला घोषित किया गया था. उसके नक्सलमुक्त घोषित होते ही यहां से सीआरपीएफ हटा ली गई थी. लेकिन, अब सीआरपीएफ को यहां फिर तैनात करने की मांग उठ रही है. क्योंकि, नक्सलियों की जिले के बीचों-बीच मौजूदगी ने स्थानीय लोगों की नींद उड़ा दी है. उन्हें फिर पुराने दिन याद आने लगे हैं. इसलिए वे चाहते हैं कि सुरक्षा की दृष्टि से सुरक्षाबलों को यहां दोबारा तैनात किया जाए.
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FIRST PUBLISHED : March 15, 2024, 08:42 IST