अभिषेक रंजन/ मुजफ्फरपुर. खेती-किसानी में अगर मेहनत की जाए, तो निश्चित ही यह मुनाफे का सौदा हो सकता है. धान और गेहूं को छोड़ नगदी फसल की खेती से मुजफ्फरपुर के किसानों की किस्मत बदल रही है. मुजफ्फरपुर जिले के बोचहां प्रखंड के सलहा गांव के युवा किसान सूरज कुमार कम उम्र से ही सब्जी की खेती कर रहे हैं. उनकी मानें तो छोटी-मोटी नौकरी करने से बेहतर वे सब्जी की खेती करना समझते हैं. सूरज के पास अपनी अधिक जमीन नहीं है. बावजूद लीज पर 10 कट्ठा जमीन लेकरखेती कर रहे हैं. इस बार उन्होंने 10 कट्ठा जमीन पर बंबईया वैरायटी का परवल लगाया है.
सूरज ने बताया कि परवल की यह वैरायटी मुनाफे का सौदा है. एक कट्ठा जमीन में तकरीबन 80 किलो परवल हर चार दिन पर टूटता है. इस हिसाब से 10 कट्ठा में चार दिन पर 8 क्विंटल परवल का उत्पादन हो रहा है. उन्होंने बताया कि इन दिनों मंडी में 1800 से 2000 रुपये प्रति क्विंटल का रेट मिल जाता है. कभी-कभी कीमत घटती बढ़ती भी है. सूरज हर चार दिन पर तकरीबन 15 हजार का परवल मंडी में बेचते हैं. इससे हर महीना एक लाख रुपये की कमाई हो जाती है.
परवल की खेती से उत्साहित हैं सूरज
सूरज ने लोकल 18 को बताया कि परवल का बीज वह दिसंबर माह में लगाते हैं. तीन माह बाद मार्च से परवल का फलन शुरू हो जाता है. परवल की खेती में रखरखाव और मेहनत बहुत जरूरत होती है. खेत में समय देना पड़ता है. जानवरों से पौधे को बचाना होता है. समय पर खाद डाला जाता है. साथ ही सूरज ने बताया कि सब्जी की खेती के क्षेत्र में भविष्य है. सूरज अभी महज इंटर के छात्र हैं और नौकरी से बेहतर विकल्प खेती किसानी को मानते हैं. सूरज का मानना है कि परवल की खेती से ही उनका परिवार चल रहा है. वह खेती अपने पिता और चाचा के साथ कर रहे हैं. साथ ही कहा कि मोटी पूंजी जमा हो जाने पर अगले साल से दोगुनी जमीन में परवल लगाएंगे.
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FIRST PUBLISHED : September 21, 2023, 13:00 IST