मथुरा में एक अदालत ने बलात्कारी और हत्यारे को महज 57 दिनों में फांसी की सजा सुनाकर 10 साल की पीड़ित मासूम बालिका को न्याय दे दिया। 30 वर्ष और 3 बच्चों का पिता आरोपी सतीश ने नाबालिग की रेप और हत्या कर दी थी।
Mathura
oi-Shivam Gaur

भारत में दुनिया के सबसे अधिक अदालती मामले लंबित हैं। कई न्यायाधीशों और सरकारी अधिकारियों ने कहा है कि भारतीय न्यायपालिका के समक्ष लंबित मामलों की चुनौती सबसे बड़ी है। 2018 के नीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार, हमारी अदालतों में मामलों को तत्कालीन दर पर निपटाने में 324 साल से अधिक समय लगेगा। लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा की अदालत ने बलात्कारी और हत्यारे को महज 57 दिनों में फांसी की सजा सुनाकर 10 साल की पीड़ित मासूम बालिका को न्याय दिया है। 30 वर्ष और 3 बच्चों का पिता आरोपी सतीश ने नाबालिग से रेप के बाद हत्या कर दी थी।

मासूम के बलात्कारी को 57 दिनों में फांसी
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मथुरा में बीते 13 अक्टूबर को थाना जैंत क्षेत्र के मथुरा मार्ग स्थित पीएमवी पालीटेक्निक के सामने जंगलो की झाड़ियों में एक निर्वस्त्र बालिका का शव को मिला था। बालिका के शव मिलने की सूचना पर एसएसपी अभिषेक यादव, सीओ सदर प्रवीण मलिक पहुंच थे। यहाँ बालिका के शरीर पर कपड़े नहीं थे। इस पर एसएसपी ने बालिका की पहचान कर घटना का पर्दाफाश करने के लिए एसओजी, सर्विलांस समेत पांच टीमों को लगाया गया था। पुलिस ने इस घटना का चंद घंटों में ही खुलासा कर दिया था और पड़ोस के रहने वाले आरोपी सतीश को बच्ची के रेप और उसकी हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था और तभी से मामला कोर्ट में विचाराधीन था।
आरोपी तीन बच्चों का पिता
प्राप्त जानकारी के अनुसार कोर्ट ने प्रभावी पैरवी के चलते 57 दिन में ही इस मामले में अपना फैसला सुनाया दिया और 30 वर्षीय हत्यारे सतीश को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। पुलिस ने इस मामले में 20 गवाह बनाए थे और 24 नवंबर को 10 गवाहों की गवाही हुई थी। आरोपी सतीश ने भी 164 के बयानों में अपना जुर्म कबूल किया था। वही 25 नवंबर तक मामले की पूरी सुनवाई हो गई थी। इसके बाद 5 दिसंबर को डीएनए की रिपोर्ट मिलने पर अदालत ने आज अपना फैसला सुनाया है। आरोपी तीन बच्चों का पिता है और उसने 10 साल की बालिका के साथ रेप किया था जिसके बाद आरोपी सतीश ने गला दबाकर हत्या कर दी थी।

पीड़ित का दर्द शब्दों में बयां करना नामुमकिन
बलात्कार, ये शब्द सुनते ही सिर से लेकर पांव तक झुरझुरी दौड़ जाती है और एक ही झटके में कई सवाल आपको घेर लेते हैं। लेकिन उन तमाम सवालों से पहले वो हालात किसी भी संजीदा इंसान को डरा देते हैं जिन हालात में बलात्कार जैसा घिनौना अपराध अंजाम दिया जाता है। बलात्कार के मामले में आपके और हमारे अंदाज़े से कहीं ज़्यादा उस इंसान को ख़ासतौर पर पीड़ित को मानसिक और शारीरिक तक़लीफ़ से गुज़रना पड़ता है। उस तक़लीफ़ को शायद शब्दों में बयां करना किसी भी भाषा और बोली में बता पाना मुश्किल ही नहीं क़रीब क़रीब नामुमकिन है। लेकिन पीड़ित को न्याय दिलाकर अपराधियों के मन में एक खौफ जरूर बिठाया जा सकता है।
वही इस मामले में अपराधी को मिली सजा ने यह जरूर सिद्ध कर दिया है कि आज भी अगर भारतीय न्यायपालिका में जनता का विश्वास दूसरी भारतीय संस्थानों से कहीं ज्यादा बना हुआ है तो उसकी वजह ऐसे ही कुछ उदहारण है जो यूपी पुलिस से लेकर न्याय पालिका ने आज हमारे सामने रखा है।
Mathura: हिंदू महासभा ने किया शाही ईदगाह मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने का ऐलान, पुलिस-प्रशासन अलर्ट
English summary
rape murder minor girl court sentenced death penalty hanged 57 days neighbour caught jailed
Story first published: Friday, December 9, 2022, 20:35 [IST]