1.5 एकड़ में बिहार का ये किसान कर रहा केले की 6 वैरायटी की खेती…

अमित कुमार/समस्तीपुर : बिहार के किसान लगातार नए-नए तरह की खेती करने की करने की कोशिश में लगे रहते हैं. ज्यादातर किसान परंपरागत खेती से नाता तोड़कर नगदी फसल की ओर रुख कर चुके हैं. ऐसे हीं प्रगतिशील किसानों की श्रेणी में समस्तीपुर जिला स्थित हलई ओपी क्षेत्र अंतर्गत जोरपुरा गांव के रहने वाले किसान उमेश कुमार चौधरी का नाम भी शामिल है.

जिन्होंने अपने डेढ़ एकड में 6 अलग-अलग वैरायटी के केले की खेती कर समस्तीपुर हीं नहीं बिहार के कई जिलों में अपने फसल को सेल करते हैं. वहीं मुनाफा की बात की जाए तो 6 महीने में ही डेढ़ एकड से चार लाख से अधिक का केला बेच लेते हैं और खर्च काट कर 3. 50 लाख की बचत कर लेते हैं.

इस वैरायटी के केले की करते हैं खेती
उमेश कुमार चौधरी के केले की खेती को देख आस-पास केकिसान भी अब केले की खेती की ओर रुख करने लगे हैं. प्रगतिशील किसान उमेश कुमार चौधरी अपने डेढ़ एकड़ (32 कट्ठा) खेतों में से अलग-अलग वैरायटी के केला लगा रखे हैं. जिसमें मुख्य रूप से अल्पान, मुठिया, चंपा, बघनर, चिनिया एवं बतीसा वैरायटी का केला शामिल है.

उन्होंने बताया कि जब हाजीपुर किसी रिश्तेदार के यहां घूमने गए थे. तब हाजीपुर में बड़े पैमाने पर केला की खेती देख वहां के किसानों से इस फसल के लाभ हानि के बारे में जानकारी लिया. इसके बाद पिछले तीन वर्षों से लगातार केला की खेती करते आ रहे हैं.

जैविक तरीके से करते हैं केले की खेती
किसान उमेश कुमार चौधरी बताते हैं कि हर 6 महीने पर चार लाख से अधिक की केला का बिक्री कर लेते हैं. वहीं मेहनत की बात करें तो समय खेतों में मजदूर से तमन्नी करना होता है. जैविक खाद एवं पानी भी देते रहना पड़ता है. सबसे अधिक डिमांड चिनिया केले का होता है. वहीं बतीसा केला ज्यादातर लोग सब्जी में उपयोग करते हैं. केला की बिक्री के लिए परेशान होने की जरूरत नहीं पड़ती है. व्यापारी खेत पर आकर केला को लेकर चले जाते हैं. केले की बिक्री समस्तीपुर सहित आस-पास के जिलों में हो जाती है.

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