‘1 या 2 नहीं अगले 20 साल तक…’ S जयशंकर ने कहा, भारत में हमारे पास होगी बहुमत

टोक्यो: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने जापान दौरे पर शुक्रवार को विश्वास जताते हुए कहा कि भारत में 15 साल या उससे भी अधिक समय तक स्थिर सरकार रहेगी. दीर्घकालिक राजनीतिक स्थिरता सरकार को ‘साहसिक’ निर्णय लेने में मदद मिलती है. जयशंकर ने यहां भारत-जापान विशेष रणनीतिक साझेदारी पर निक्केई फोरम में बोलते हुए कहा कि ‘एक मजबूत राजनीतिक जनादेश द्वारा समर्थित सुधारवादी और दूरदर्शी नेतृत्व, जिसका लोकतंत्र में संसद में बहुमत होना है, का परिणाम ‘साहसिक निर्णय’ होता है.’

क्या आगामी चुनाव भारत की विदेश नीति को प्रभावित करेंगे? इसके जवाब में टिप्पणी करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि ‘भारत इस साल मई में महत्वपूर्ण आम चुनावों के लिए तैयार है, जिसमें 950 मिलियन से अधिक नागरिक सरकार चुनने के अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए तैयार हैं. सौ फीसद, हमारे पास (बीजेपी) 15 साल की स्थिर सरकार रहेगी. यह 20 साल या उससे अधिक समय की भी हो सकती है.’

जयशंकर ने कहा, ‘हर देश, हर समाज अलग-अलग होते हैं, लेकिन जो बात भारत पर लागू हो सकती है, जरूरी नहीं कि वह दूसरे देशों के लिए भी हमेशा एक जैसी हो। लेकिन हमारा अपना अनुभव यह है कि राजनीति में स्थिरता की कमी या संसद में साहसिक निर्णय लेने के लिए बहुमत न होना चुनौतीपूर्ण होता है.’

पिछले 10 वर्षों से हमारे पास मजबूत राजनीतिक जनादेश हैं और हम इसे जारी रखने की उम्मीद करते हैं. तो आप जानते हैं, कई मामलों में, हमने ऐसे फैसले देखे हैं, जिन पर वर्षों तक बहस हुई, लेकिन अचानक हमें इसे लागू करने की क्षमता मिली. यदि आपके पास सुधारवादी, दूरदृष्टि वाला, प्रतिबद्धता वाला नेतृत्व है और वह नेतृत्व बहुत मजबूत राजनीतिक जनादेश द्वारा समर्थित है, तो साहसिक निर्णय लेने में काफी असानी होती है.

मंत्री ने कहा कि राजनीतिक स्थिरता का मतलब नीतिगत स्थिरता है क्योंकि भारत पर बड़ा दांव लगाने वाला कोई व्यक्ति जानना चाहेगा कि अगले 10 वर्षों में भारत कैसा होगा. यदि निवेशक को यह नहीं पता है कि अब से एक साल या अब से छह महीने बाद कैसा होगा तो निवेशक, चाहे वह घरेलू हो या विदेशी, वह झिझकेगा. इसलिए जब आप किसी देश के जोखिम का मूल्यांकन करते हैं, तो राजनीतिक स्थिरता उसका एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है.’

भाजपा नेता जयशंकर ने आगे कहा, ‘सौभाग्य से, यह पिछले दशक से हमारे लिए अच्छा रहा है, और मैं अगले दशक के लिए बहुत आश्वस्त हूं.’ मंत्री ने गुरुवार को अपने जापानी समकक्ष योको कामिकावा के साथ 16वें भारत-जापान विदेश मंत्री की रणनीतिक वार्ता को संबोधित किया और पहले रायसीना गोलमेज सम्मेलन में भाग लिया, जो भारत और जापान के बीच ट्रैक दो आदान-प्रदान को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

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