1 दर्जन बुलडोजर, 400 पुलिसकर्मी, फिर भी अब्दुल्ला नगर से लौटना पड़ा खाली हाथ, इनसाइड स्टोरी

पूर्णिया. पूर्णिया पूर्व प्रखंड के अब्दुल्ला नगर वार्ड नंबर 42 में रविवार को करीब 400 पुलिसकर्मियों के साथ सदर एसडीएम और एसडीपीओ के अलावे कई थाने की पुलिस, बीडीओ सीओ मौके पर पहुंचे. प्रशासनिक अमला खाता 120 की जमीन को खाली कराने के लिए पहुंचा था. करीब 500 घर जमीन पर बने हुए हैं. जैसे ही प्रशासनिक अमला अब्दुल्ला नगर में पहुंचा, लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया. मौके पर भारी भीड़ हाथ में कागजात लेकर इकट्ठी हो गई. इतना ही नहीं, इस दौरान कई महिलाएं बेहोश हो गईं. आनन-फानन में उन्हें अस्पताल भेजना पड़ा. सैकड़ों बच्चे, बूढ़े, महिलाएं हाथों में कागज लेकर अधिकारियों के सामने गुहार लगाते रहे.

कुछ लोगों ने जेसीबी मशीनों को घेर लिया. स्थिति बिगड़ते देख पुलिस को बैरंग वापस लौटना पड़ा. यह तीसरा मौका है जब प्रशासन को अब्दुला नगर से जमीन खाली कराए बिना वापस लौटना पड़ा है. इससे पहले 6 फरवरी को भी अधिकारी भारी पुलिस बल के साथ जमीन खाली कराने पहुंचे थे लेकिन स्थानीय लोगों के आगे एक न चली.

दरअसल, पूरा विवाद करीब 32 एकड़ जमीन का है जो कि विवादित है. जमीन पर दखल दिलाने के लिए कोर्ट से आदेश आया तो प्रशासनिक अमला पहुंचा था. एसडीओ राकेश रमन और एसडीपीओ पुष्कर कुमार जैसे ही अबदुल्ला नगर में पहुंचे, कुछ महिलाओं ने अपना पक्ष रखना शुरू कर दिया. इसी क्रम में सदमे में 6 लोगों की तबीयत बिगड़ गई. मौके पर मौजूद अधिकारियों के होश उड़ गए. आनन-फानन में एंबुलेंस बुलानी पड़ी. सभी को इलाज के लिए भर्ती कराया गया.

सदर एसडीएम राकेश रमन ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर प्रशासन जमीन पर दखल दिलाने के लिए आए थे. कोर्ट के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ तीसरी बार जमीन को खाली कराने के लिए पहुंचे थे. स्थानीय लोगों ने विरोध के बीच हाईकोर्ट का एक आदेश भी दिखाया. प्रशासन ने लोगों से कोर्ट में जाकर अपना पक्ष दिखाने की अपील की.

सदर एसडीपीओ पुष्कर कुमार ने कहा कि हाईकोर्ट द्वारा जिसके पक्ष में आदेश हुआ है, उनके द्वारा 400 पुलिसबल का पैसा जमा किया गया था. एक दर्जन जेसीबी के साथ वे लोग जमीन को खाली कराने आए थे
लेकिन भारी विरोध के चलते स्थिति तनावपूर्ण हो गई. हालात को देखते हुए आगे विचार किया जाएगा और बाद में निर्णय लिया जाएगा.

22 फरवरी को हाईकोर्ट में सुनवाई
स्थानीय लोगों का कहना है कि वे पिछले 30-40 साल से यहां पर काबिज हैं. मेयर के पति जितेंद्र यादव ने बताया कि 30-40 साल पुराना मोहल्ला है और करीब 500 लोगों के घर बने हुए हैं. कई लोगों को प्रधानमंत्री आवास भी मोहल्ले में मिला है. कई लोगों ने तो बड़े-बड़े मकान बना लिए हैं. किसी ने जमीन रजिस्ट्री करवा के ली है तो किसी का पर्चा बना हुआ है. लोगों का कहना है कि हाई कोर्ट में केस किया है और 22 फरवरी को सुनवाई होनी है.

पीड़ित पक्ष के वकील श्याम सुंदर पांडे ने कहा कि 6 फरवरी को हाई कोर्ट ने 5.50 एकड़ जमीन चिन्हित करने के बाद खाली करने का आदेश दिया है. पुलिस पहले उसको चिन्हित करें और बाद में जमीन खाली कराए.

Tags: Bihar News, Bizarre news, Purnia news

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *