संजय यादव/बाराबंकी : बाराबंकी जिला कभी अफीम की खेती का गढ़ माना जाता था. लेकिन अब यहां फल और सब्जियों की खेती के लिए जाना जाने लगा है. अब यहां के किसान सब्जियों की खेती कर रहे हैं और अच्छा लाभ भी कमा रहे हैं. जिले के युवा किसान प्रमोद वर्मा 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद सब्जियों की खेती की शुरुआत की. जिसमें ब्रोकली, शिमला मिर्च, टमाटर, अचारी मिर्च, स्ट्रॉबेरी, केला, पीली जुगनी गोभी की सहफसली खेती कर रहे है. वहीं किसान का कहना है कि उसको सब्जियों और सहफसली से अच्छी कमाई हो रही है.
बाराबंकी जिले के सफीपुर गांव के रहने वाले युवा किसान प्रमोद वर्मा ने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी पुश्तैनी जमीन पर खेती करने का फैसला लिया. पहले वह धान, गेहूं, आलू की खेती किया करते थे. जिसमें उनको मुनाफा नहीं हो पा रहा था. ऐसे में प्रमोद वर्मा ने उद्यान विभाग से संपर्क किया. जहां से उन्हें सब्जियों की खेती के बारे में जानकारी हासिल की. उसके बाद आधे एकड़ में सब्जियों की खेती की जिसमें उन्हें अच्छा मुनाफा देख आज एक हेक्टर में सब्जियों की खेती कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं. एक हेक्टेयर में सब्जियों की खेती से कम से कम 7 से 8 लाख रुपए की बचत हो जाती है.
लागत कम…मुनाफा ज्यादा
किसान प्रमोद वर्मा का कहना है कि इससे पहले वह अपने खेतों में धान, गेहूं, आलू की खेती करते थे. आवारा पशुओं की वजह से काफी नुकसान होता था. बाजार में इन फसलों का भाव भी कम मिलता था. जिसकी वजह से खेती घाटे का सौदा साबित हो रही थी. फिर हमने आधुनिक खेती करने का फैसला किया. उसके बाद हमने उद्यान विभाग गए. वहां से हमें सब्जियों की खेती की जानकारी की फिर हमने ब्रोकली, टमाटर, अचार वाली मिर्च, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, खीरा आदि सब्जियों की खेती की. जिसमें हमें अच्छा मुनाफा देख आज हम एक हेक्टेयर में सब्जियों की खेती कर रहे हैं और इन सब्जियों की खेती में लागत कम मुनाफा अच्छा है.
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FIRST PUBLISHED : November 22, 2023, 18:27 IST