आशुतोष तिवारी/रीवा. मध्य प्रदेश के रीवा शहर के खन्ना मार्केट में प्योर कॉटन की थोक में बिक्री की जाती है. इसलिए यह मार्केट कॉटन की बिक्री के लिए जाना जाता है, लेकिन इसके अलावा यहां पुराने बुनकरों के द्वारा रजाई भी बनाई जाती है. यहां की रजाई काफी प्रसिद्ध है. यही वजह है कि यह मार्केट रजाई के लिए पूरे संभाग में काफी फेमस है. यह मार्केट रजाई की खरीदी के लिए रीवा की सबसे पुरानी मार्केट है. पीढ़ी दर पीढ़ी यहां के दुकानदार बुनकरों का काम कर रहे हैं.
खन्ना चौराहा में गुलफाम कॉटन की दुकान में जब हमने बात की तो हमें गुलफाम कॉटन के ऑनर अहफाज मोहम्मद के द्वारा बताया गया कि रीवा में रजाई बनाने की शुरुआत मेरे दादा जी ने की थी. मेरे पापा के द्वारा मुझे पता चला है कि वर्ष 1938 से भी पुरानी यह दुकान है, लेकिन हम लोग सैकड़ों वर्ष पहले से कॉटन के धंधे से जुड़े हुए थे. पहले मेरे पापा और उससे भी पहले मेरे दादाजी बुनकर का काम किया करते थे. हमारे दादा पहले मजदूरी किया करते थे. हम लोग मंसूरी कम्यूनिटी से संबंधित है.
यहां मिलती है सबसे सस्ती रजाई
अल्फाज मोहम्मद ने बताया कि खन्ना चौराहा स्थित दुकानों में सबसे सस्ती दामों में रजाई मिलती है.हमारे यहां से वर्षो पहले से रीवा के आस पास के जिले के साथ साथ कस्बों नगरों से भी व्यापारी थोक में रजाई की खरीदी के लिए आते है.रजाई के अलावा गद्दा, चद्दर, तकिया, खोली इत्यादि की बिक्री भी हम लोग करते है.यदि हमारे पास कोई ऑर्डर लेकर आता है तोहम लोगों की मनपसंद चीजें भी बनाते हैं.
यहां मिलती है रजाई की कई वैरायटी
अल्फाज मोहम्मद ने बताया कि रजाई,गद्दा और तकिया में हमारे यहां कई वैरायटी मिलती है. कॉटन के वजन के हिसाब से भी हम लोग रजाई बनाते है. यदि किसी व्यक्ति को हल्की रजाई या अलग डिजाइन या वजन वाली रजाई पसंद है तो हम ऑर्डर लेकर ऐसे रजाई और गद्दा बनवाते. हमारे यहां से 150 रुपए की कीमत से कॉटन की प्योर रजाई मिलनी शुरू हो जाती है. जबकि रजाई की हाईएस्ट प्राइस 3 हजार रुपए तक है. जबकि 300 रुपए में गद्दे मिलने लगते हैं. 50 रुपए में तकिए भी मिलते है.
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FIRST PUBLISHED : December 13, 2023, 17:27 IST