नई दिल्ली28 मिनट पहले
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बजाज फाइनेंस बजाज फिनसर्व लिमिटेड की होल्डिंग कंपनी है। कंपनी में इसकी 52.45% की हिस्सेदारी है।
बजाज की एसोशिएट कंपनी बजाज फाइनेंस ₹10 हजार करोड़ जुटाने जा रही है। कंपनी ने बताया कि वह क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल प्लेसमेंट ( QIP) के जरिए ₹8,800 करोड़ और कन्वर्टिबल वारंट से ₹1200 करोड़ जुटाएगी। कंपनी ने अपनी फाइलिंग में बताया कि इसके लिए बोर्ड की अप्रूवल भी मिल गई है। अब अंतिम फैसला के लिए कंपनी अपने शेयरहोल्डर्स साथ मीटिंग करेगी।
ऐसे फंड जुटाएगी कंपनी
बजाज फाइनेंस ने बताया कि कंपनी अपने प्रमोटर बजाज फिनसर्व लिमिटेड को प्रेफरेंशियल इश्यू के रूप में 15,50,000 वारंट जारी करेगा। जिसकी फेस वैल्यू 2 रुपए के इक्विटी शेयरों के बराबर होंगे। इससे उसे ₹1200 करोड़ मिलेंगे। इसके लिए वह इन वारंट्स को अलॉटमेंट के दिन से 18 महीने के भीतर इक्विटी शेयरों में बदला सकेगा।
वारंट के आवंटन और सब्सक्रिप्शन के समय बजाज फाइनेंस को पेरेंट कंपनी से टोटल ट्रांजैक्शन का 25% मिलेगा। जबकि बाकी के वारंट कंपनी को इनके ऑपरेशन के बाद मिलेंगे। कंपनी के मुताबिक इस फंड रेज से उसे अपनी फाइनेंस कैपिटल सुधारने और कंपनी को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बजाज फिनसर्व के पास 52.45% की हिस्सेदारी
बजाज फिनसर्व के पास फिलहाल बजाज फाइनेंस में 31,78,16,130 शेयर्स के बदले 52.45% की हिस्सेदारी है। जो इन वारंट के कन्वर्जन के बाद बढ़कर 52.57% हो जाएगा। कंपनी की प्रोविजनल डिस्क्लोजर के मुताबिक उसके पास लगभग ₹11,400 करोड़ का कंसोलिडेटेड लिक्विड फंड है।
बजाज फाइनेंस का शेयर आज यानी 5 अक्टूबर को 9 अंकों की मामूली गिरावट के साथ 7845 रुपए पर बंद हुआ।
कंपनी के पास ₹2.9 लाख करोड़ का AUM
30 सितंबर को कंपनी का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) ₹2.9 लाख करोड़ था, जो पिछले साल के इसी अवधि के मुकाबले 33% ज्यादा है। वहीं पिछले क्वार्टर में फाइनेंस कंपनी के बुक में 85.3 करोड़ लोन आवंटित थे। यह आंकड़ा पिछले साल 67.6 लाख था।
कंपनी ने पास लिक्विड में अच्छा बफर स्टॉक है। इसके बावजूद कंपनी फंड जुटा रही है। इसके जवाब में एक्सपर्ट्स का मानना है कि कपंनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज से कंपटीशन से बचने के लिए ऐसा कर रही है।
2017 ले लगातार फंड जुटा रही है कंपनी
इसके पहले कंपनी ने सितंबर में रिडीमेबल नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर्स (NCD) जारी करके ₹1,195 करोड़ जुटाया था। मई 2023 में भी NCD के जरिए करीब 1,700 करोड़ रुपए जुटाए थे। वहीं साल 2019 में कंपनी ने QIP के जरिए ₹8,500 करोड़ जुटाए थे। तब ये इश्यू 5 गुना सब्सक्राइब हुआ था। उस समय कंपनी के साथ इस डील में सिंगापुर की GIC जैसी कंपनी शामिल थी। कंपनी ने 2017 में भी इसी रूट से ₹4,500 करोड़ जुटाए थे।
पहले क्वार्टर में कंपनी ने 32% प्रॉफिट कमाया है
इस साल की पहली तिमाही में बजाज फाइनेंस को कंसोलिडेटेड बेसिस पर ₹3,437 करोड़ का प्रॉफिट हुआ है। यह आंकड़ा 2022 के पहले क्वार्टर की तुलना में 32% ज्यादा है। कंपनी का प्योर इंटरेस्ट इनकम भी सालाना आधार पर पहले क्वार्टर में 26% बढ़कर ₹8,398 करोड़ हो गया है।