परमजीत कुमार/देवघर. रंगों के त्योहार होली की शुरुआत हो चुकी है. इस पर्व का इंतजार लोग बड़ी बेसब्री से करते हैं. वहीं फागुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन होता है और उसके अगले दिन चैत्र प्रतिपदा में रंगों की होली खेली जाती है, लेकिन फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि को होलाष्टक लग जाता है और यह होलाष्टक होली तक रहता है. होलाष्टक के दिनों को अशुद्ध तिथि माना जाता है. इसलिए होलाष्टक के दिनों में शुभ कार्य और मांगलिक कार्य वर्जित माना जाता है. देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानते हैं कि इस साल होलाष्टक कब से शुरू हो रही है और किन-किन कार्यों की मनाही होती है?
देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि होली के 8 दिन पहले होलाष्टक की शुरुआत हो जाती है. इस साल होलाष्टक की शुरुआत 17 मार्च से होने जा रही है और 25 मार्च तक रहने वाली है. इस दौरान 16 संस्कार समेत कई शुभ कार्य वर्जित रहते हैं. वहीं ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि होलाष्टक के समय सभी ग्रह उग्र की स्थिति में होते हैं. कई कार्य ऐसे होते हैं जिन्हें करने से जीवन के ऊपर नकारात्मक असर पड़ता है.
होलाष्टक के समय भूलकर भी ना करें यह काम
कई कार्य ऐसे हैं जो होलाष्टक के समय वर्जित माने जाते हैं. ऐसा करने से जीवन के ऊपर नकारात्मक असर पड़ता है. होलाष्टक में यानी फागुन मास की अष्टमी तिथि से लेकर होलिका दहन तक शुभ कार्य और मांगलिक कार्य जैसे शादी विवाह मुंडन, गृह प्रवेश, जनेऊ इत्यादि करने की मनाही रहती है. मांगलिक कार्यों में ग्रहों का दुष्प्रभाव पड़ता है. इसके साथ ही नए घर के निर्माण कार्य शुरू करना, नया वाहन लेना भी अशुभ माना जाता है. वहीं होलाष्टक के दिनों में नवविवाहिता को अपने मायके में ही रहना चाहिए.
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FIRST PUBLISHED : March 13, 2024, 16:37 IST
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.