रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने बैंकों और दूसरे लेंडर्स को निर्देश दिया है कि लोन रीपेमेंट या सेटलमेंट के 30 दिन के भीतर उन्हें कर्जधारक के ओरिजनल डॉक्यूमेंट वापस करने होंगे. आज जारी सर्कुलर में RBI ने कहा कि अगर ऐसा करने में बैंक नाकाम रहते हैं, तो उन्हें कर्जधारक को 5,000 रुपये/दिन के हिसाब से मुआवजा देना होगा.
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BQ प्राइम हिंदी में छपी रिपोर्ट के मुताबिक– नए निर्देशों के तहत बैंक, NBFCs, हाउसिंग फाइनेंस इंस्टीट्यूशन, एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी, रीजनल बैंक और कोऑपरेटिव बैंक आएंगे. इसके अलावा, बैंकों को डॉक्यूमेंट जारी करने में हुई देरी का स्पष्टीकरण भी देना होगा. नोटिफिकेशन में RBI ने कहा, ‘कर्जधारक को इन दिशानिर्देशों के मुताबिक जो भी मुआवजा मिलेगा, इसका कर्जदार पर किसी दूसरे मुआवजे के हकदार होने का प्रभाव नहीं पड़ेगा.’
डुप्लीकेट डॉक्यूमेंट इश्यू में कर्जधारक की मदद
RBI ने बुधवार को कहा, ‘ओरिजनल चल/अचल दस्तावेजों के खोने या उन्हें नुकसान होने की स्थिति में रेगुलेटर अथॉरिटीज (REs) को कर्जधारक को संपत्ति की डुप्लीकेट या सर्टिफाइड कॉपी हासिल करने में मदद करनी होगी, साथ ही मुआवजा देना होगा.’
हालांकि ऐसी स्थिति में लेंडर्स के पास 30 दिन का अतिरिक्त समय होगा, जिसमें वे प्रक्रिया को पूरा कर सकेंगे, पेनल्टी इसके बाद कैलकुलेट की जाए