नई दिल्ली :
हेमंत सोरेन को आखिरकार झारखंड का मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा. हेमंत सोरेन को बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने सात घंटों तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया. जमीन घोटाले के इस मामले में रांची के चेशायर होम रोड में सेना की जमीन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर खरीदने और बेचने का आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अनुसार झारखंड में ‘माफिया द्वारा भूमि के स्वामित्व को गैर कानूनी तरीके से बदलने के एक बड़े रैकेट’ की जांच के तहत हेमंत सोरेन से पूछताछ की गई.
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हेमंत सोरेन को जिस घोटाले में गिरफ्तार किया गया उसमें उनकी अर्जित आय संदिग्ध मनी ट्रांजेक्शन से जुड़ी है. आरोप है कि गलत तरीके से हासिल की गई जमीनों पर सोरेन के परिवार और करीबियों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नियंत्रण था. इस मामले में मुख्य आरोपी प्रेम प्रकाश, अमित अग्रवाल और तत्कालीन डीसी छवि रंजन के साथ सोरेन के संबंध थे.
अवैध खनन में जांच के दौरान भी हेमंत सोरेन की भूमिका सामने आई थी. जांच में सामने आया कि सोरेन का करीबी अमित अग्रवाल कथित तौर पर सोरेन और उनके करीबी सहयोगियों की ब्लैक मनी को मैनेज करता रहा है.
ईडी जो भी सवाल करता है उसके जवाब आरोपी या गवाह से लिखवाकर लेता है. ईडी के अनुसार हेमंत सोरेन न तो सवालों के सही जवाब दे पा रहे थे, न ही कागज पर सही जवाब लिख पा रहे थे. जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे. उनसे यह सवाल पूछा गया कि अमित अग्रवाल से आपका क्या रिश्ता है? अमित अग्रवाल वह व्यक्ति है जिसके नाम साढ़े चार एकड़ जमीन रांची के पॉश इलाके में थी. पहले यह सरकारी जमीन थी. यह करोड़ों की जमीन उसके नाम बहुत कम पैसे में बेच दी गई.
यह साढ़े चार एकड़ सरकारी जमीन सेना की थी. कहा गया कि इस जमीन को प्रफुल्ल बागची को बेच दिया गया था. उसके बाद उनके बेटे प्रदीप बागची ने यह जमीन कोलकाता की एक कंपनी को बेची, लेकिन असल में जमीन अमित अग्रवाल को बेची गई थी. अमित अग्रवाल मुख्यमंत्री के करीबी थे.
ईडी ने इस मामले में अमित अग्रवाल और प्रदीप बागची समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया था. रांची के पूर्व डीसी छविरंजन को भी गिरफ्तार किया गया था. इन 14 लोगों के खिलाफ 2023 में ईडी ने चार्जशीट पेश की थी. इस मामले में ईडी 260 करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति सीज कर चुकी है.
ईडी ने उसे अब तक मिले दस्तावेज भी हेमंत सोरेन के सामने रखे, लेकिन वे सवालों के जवाब नहीं दे पाए. सात घंटे की पूछताछ के बाद ईडी ने तय किया कि हेमंत सोरेन को कस्टडी में लेकर पूछताछ करना जरूरी है. ईडी ने हेमंत सोरेन से कहा कि वह उन्हें गिरफ्तार करने वाली है. इस पर हेमंत सोरेन ने कहा कि वे तभी अरेस्ट मेमो पर तभी हस्ताक्षर करेंगे जब राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे देंगे.
इसके बाद ईडी की टीम हेमंत सोरेन को राजभवन लेकर गई. वहां उन्होंने इस्तीफा दिया और फिर अरेस्ट मेमो में साइन किए. इसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया.