मोटर चालकों से जुड़े ‘हिट-एंड-रन’ दुर्घटना मामलों पर नए दंड कानून के प्रावधान के खिलाफ दो दिन से हड़ताल कर रहे ट्रक ड्राइवरों और सरकार के बीच सुलह हो गई, जिसके बाद हड़ताल वापस लेने पर सहमति बन गई.
मामले से जुड़ी अहम जानकारियां :
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देश भर में पिछले दो दिनों से ड्राइवरों की हड़ताल की वजह से आवाजाही प्रभावित रही. इसी को देखते हुए मंगलवार को सरकार ने अखिल भारतीय परिवहन कांग्रेस के प्रतिनिधियों से बात की. जिसके बाद ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने ड्राइवरों से हड़ताल खत्म करने और काम पर लौटने की अपील की. हालांकि उन्होंने कहा है कि सरकार के साथ बातचीत जारी रहेगी.
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‘हिट-एंड-रन’ (दुर्घटना के बाद मौके से भाग जाना) मामलों के लिए नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत जेल और जुर्माने की सज़ा के कड़े प्रावधान हैं, जिसके खिलाफ कुछ ट्रक, बस और टैंकर संचालकों ने सोमवार को तीन दिवसीय हड़ताल शुरू की थी.
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गृह सचिव भल्ला ने एआईएमटीसी के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद कहा, “सरकार यह बताना चाहती है कि ये नए कानून और प्रावधान अभी लागू नहीं हुए हैं. भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (2) को लागू करने का निर्णय ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा.”
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भारतीय न्याय संहिता के अनुसार, “जो कोई भी लापरवाही से वाहन चलाकर किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में आता है, और घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को इसकी सूचना दिए बिना भाग जाता है, उसे दस साल तक के कारावास की सजा होगी और 7 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा.”
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नए कानून में भारतीय न्याय संहिता की धारा 106 (1) और 106 (2) है, जो इस तरह के ग़ैरइरादतन हत्या के अपराध में लगती हैं. इसके मुताबिक अगर किसी व्यक्ति से गलती से एक्सीडेंट होता है, और वो घायल को अस्पताल लेकर जाता है या पुलिस/मजिस्ट्रेट को तुरंत सूचित करता है, तो ये BNS की धारा 106 (1) के अन्तर्गत आएगा, जो जमानती होगा. इसमें अधिकतम 5 साल तक की सज़ा का प्रावधान है. कहा जा रहा है कि इससे लोग अपनी ज़िम्मेदारी निभाएंगे और लोगों की जान बच पाएगी.
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सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में कहा है कि वाहन चालक जो लापरवाही से गाड़ी चलाते हैं और सड़क पर दुर्घटना करके, जिसमें किसी की मौत हो जाती है वहां से भाग जाते हैं, ऐसे लोगों पर कार्रवाई सख़्त होनी चाहिए.
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मंगलवार को देश भर में ट्रक ड्राइवरों ने जगह-जगह प्रदर्शन किया. इस आंदोलन के दौरान का मध्य प्रदेश के शाजापुर के कलेक्टर किशोर कन्याल का एक वीडियो सामने आया जिसमें वो एक ड्राइवर से कहते हुए सुने जा सकते हैं कि तुम्हारी औकात क्या है? हालांकि विवाद बढ़ने के बाद कलेक्टर ने सफाई देते हुए कहा कि उनका इरादा किसी को भी आहत करने का नहीं था.
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पंजाब और हरियाणा के पेट्रोल पंप पर मंगलवार को अफरातफरी का माहौल रहा. कतार में खड़े वाहन मालिक अपने-अपने वाहनों में ईंधन भरवाने की जद्दोजहद करते नजर आए. हरियाणा में कानून के नए प्रावधान के खिलाफ बस संचालक और ऑटो रिक्शा संघ भी शामिल हो गए और अंबाला में कुछ पेट्रोल पंप पर ईंधन की कमी की खबर मिली.
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पंजाब पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के महासचिव राजेश कुमार ने बताया कि राज्य में सोमवार को ट्रक चालकों के प्रदर्शन की वजह से लगभग 4,000 पेट्रोल पंप पर ईंधन की आपूर्ति प्रभावित हुई. उन्होंने आरोप लगाया, ‘जैसे ही खबर फैली कि ट्रक चालक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और हड़ताल पर चले गए हैं, लोग पेट्रोल पंप की ओर दौड़ पड़े.
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ट्रक और टैंकर चालकों की हड़ताल के दूसरे दिन मंगलवार को पेट्रोल पंपों में फ्यूल खत्म होने तक की नौबत आ गई, जिसके चलते आम लोग गाड़ियों की टंकी फुल कराने के लिए पेट्रोल पंपों पर लंबी-लंबी लाइन लगाते नजर आए.