हिंद महासागर में बांग्लादेशी जहाज हाईजैक: हथियारबंद लुटेरे 23 क्रू मेंबर्स को सोमालिया ले जा रहे; 4 महीने में 20 जहाज हाईजैक करने की कोशिश

मोगादिशु2 दिन पहले

  • कॉपी लिंक
मर्चेंट वेसल अब्दुल्लाह को पहले गोल्डन हॉक जहाज के नाम से जाना जाता था। (फाइल) - Dainik Bhaskar

मर्चेंट वेसल अब्दुल्लाह को पहले गोल्डन हॉक जहाज के नाम से जाना जाता था। (फाइल)

हिंद महासागर में सोमालिया के लुटेरों ने एक बांग्लादेशी जहाज को हाईजैक कर लिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हमला सोमालिया की राजधानी मोगादिशु से पूर्वी तरफ करीब 1100 किमी दूरी पर हुआ। मर्चेंट वेसल अब्दुल्लाह नाम का यह जहाज मोजाम्बिक से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जा रहा था।

अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को करीब 15-20 हथियारबंद लुटेरों ने जहाज पर हमला कर दिया। इस पर करीब 55 हजार टन कोयला मौजूद है। 23 बांग्लादेश क्रू सदस्यों वाले इस जहाज को लुटेरे सोमालिया ले जा रहे हैं। वहीं बांग्लादेशी मीडिया ढाका ट्रिब्यून ने जहाज पर मौजूद एक क्रू सदस्य के हवाले से बताया कि उन पर करीब 50 लुटेरों ने हमला किया।

मैप में सोमालिया की लोकेशन देखी जा सकती है। हाईजैक हुआ जहाज राजधानी मोगादिशु से 1100 किमी दूर था…

जहाज की कंपनी बोली- सभी क्रू मेंबर सुरक्षित
जहाज की ओनर कंपनी कबीर स्टील री-रोलिंग मिल्स ने जहाज के हाईजैक होने की पुष्टि की। कंपनी के मीडिया एडवाइजर मिजानुल इस्लाम ने बताया कि फिलहाल सभी क्रू सदस्य सुरक्षित हैं। उनसे संपर्क करने की कोशिश की जा रही है। यूनाइटेड किंगडम मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स (UKMTO) ने क्षेत्र से आने-जाने वाले दूसरे जहाजों को सावधानी बरतने को कहा है। साथी ही वो मामले की जांच कर रहे हैं।

अफ्रीका के मैरीटाइम सिक्योरिटी सेंटर यूरोप की एंटी-पाइरेसी ऑपरेशन्स टीम के साथ मिलकर लुटेरों के हमलों को ट्रैक कर रही है। एजेंसी ने बताया कि पिछले साल नवंबर से लेकर अब तक अदन की खाड़ी में 20 बार जहाज हाईजैक करने की कोशिश की जा चुकी है।

पिछले साल इजराइल-हमास जंग की शुरुआत के बाद से अरब और लाल सागर में मर्चेंट वेसल पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। अलजजीरा के मुताबिक, आखिरी बार सोमालिया के लुटेरों ने 2008 से 2018 तक जहाज पर हमले किए थे। हालांकि, 2018 के बाद ऐसी घटनाएं होना बेहद कम हो गई थीं।

लुटेरों ने भारतीय क्रू वाले 5 जहाजों पर हमला किया
लुटेरे अब तक 5 बार भारतीय क्रू मेंबर वाले जहाजों पर भी हमला कर चुके हैं। इससे पहले 4 जनवरी को भारतीय नौसेना ने समुद्री लुटेरों से एक जहाज को छुड़ाया था। लाइबेरिया के फ्लैग वाले इस जहाज का नाम लीला नोर्फोर्क था। भारतीय नौसेना ने बताया था कि जहाज ने ब्रिटेन के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स (UKMTO) पोर्टल पर एक संदेश भेजा था। इसमें कहा गया था कि 5-6 सुमद्री लुटेरे हथियारों के साथ जहाज पर उतरे।

हाईजैक की सूचना मिलते ही एक मैरीटाइम पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट P8I को जहाज की तरफ रवाना किया गया। मर्चेंट वेसल की सुरक्षा के लिए INS चेन्नई को भी भेजा गया। नौसेना का ऑपरेशन 5 जनवरी को पूरा हुआ था। इस दौरान 15 भारतीयों समेत सभी 21 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया था।

फुटेज 5 जनवरी को भारतीय नौसेना के रेस्क्यू ऑपरेशन की है। शिप पर नौसेना के मार्कोस कमांडो नजर आ रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला। इसके बाद पूरे जहाज की सर्चिंग की।

फुटेज 5 जनवरी को भारतीय नौसेना के रेस्क्यू ऑपरेशन की है। शिप पर नौसेना के मार्कोस कमांडो नजर आ रहे हैं। उन्होंने सबसे पहले क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाला। इसके बाद पूरे जहाज की सर्चिंग की।

भारतीय नौसेना ने माल्टा के जहाज को रेस्क्यू किया था
इससे पहले 14 दिसंबर को भी समुद्री लुटेरों ने माल्टा के एक जहाज को हाईजैक कर लिया था। इसके बाद नौसेना ने अपने एक युद्धपोत को अदन की खाड़ी में हाइजैक हुए जहाज MV रुएन की मदद के लिए भेजा था। जहाज को 6 लोगों ने अगवा किया था।

भारतीय नौसेना ने माल्टा के जहाज से एक नाविक को रेस्क्यू किया था। यह नाविक गंभीर रूप से जख्मी था। इसका इलाज शिप पर मुमकिन नहीं था, लिहाजा उसे ओमान भेजा गया था। द मैरीटाइम एग्जीक्यूटिव की रिपोर्ट के मुताबिक हाइजैक हुआ जहाज कोरिया से तुर्किये की तरफ जा रहा था।

1990 के बाद सोमालिया में बढ़े समुद्री लुटेरे
सोमालिया वो मुल्क है, जिसके समुद्र में बड़ी तादाद में मछलियां मौजूद हैं। 1990 तक इसकी अर्थव्यवस्था मछलियों से ही चलती थी। तब यहां समुद्री लुटेरों का कोई डर नहीं था। अधिकतर लोग मछली का व्यापार करते थे। फिर यहां सिविल वॉर शुरू हो गया। सरकार और नौसेना नहीं रही। इसका फायदा विदेशी कंपनियों ने उठाया।

सोमालिया के लोग छोटी नावों में मछली पकड़ते थे। उनके सामने विदेशी कंपनियों के बड़े-बड़े ट्रॉलर आकर खड़े हो गए। लोगों का रोजगार छिनने लगा। इससे परेशान होकर 1990 के बाद इस देश के लोगों ने हथियार उठा लिए और समुद्री लुटेरे बन गए। समुद्री मालवाहक जहाजों का एक बड़ा बेड़ा सोमालिया कोस्ट के पास से होकर गुजरता था।

मछुआरे से लुटेरे बने लोगों ने इन जहाजों को निशाना बनाना शुरू किया। जहाज छोड़ने के बदले वे फिरौती लेने लगे। साल 2005 तक यह धंधा इतना बड़ा हो गया कि एक पाइरेट स्टॉक एक्सचेंज बना दिया गया। यानी लुटेरों के अभियान को फंड करने के लिए लोग इन्वेस्ट कर सकते थे। बदले में लोगों को लूटी हुई रकम का एक बड़ा हिस्सा मिलता।

खबरें और भी हैं…

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *