हार्ट और डाइजेशन सिस्टम को दुरुस्त रखती है लाल मिर्च ! आयुर्वेद में भी विशेष महत्व, जानें 5 बड़े फायदे

हाइलाइट्स

लाल मिर्च को हार्ट के लिए बेहतर माना जाता है और यह ब्लड प्रेशर कंट्रोल कर सकती है.
वजन घटाने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए लाल मिर्च अत्यधिक लाभकारी हो सकती है.

Health Benefits of Red Chili: खाने-पीने में अधिकतर घरों में लाल मिर्च का इस्तेमाल किया जाता है. इसे खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए जाना जाता है. लाल मिर्च का बस एक ही निगेटिव पॉइंट है कि यह तीखी है, लेकिन इसके तीखेपन में कितना रस, ताजगी और गुण है, वे खासी हैरानी करने वाले हैं. यह हार्ट के फंक्शन को दुरुस्त रखती है, खास बात यह भी है कि इसका नियमित सेवन डाइजेशन सिस्टम को भी स्मूद बनाए रखता है. अगर वजन कम करना चाहते हैं तो लाल मिर्च आपके लिए ही है. जानकर हैरान हो रहे होंगे, लेकिन यह बात एक्सपर्ट भी मानते हैं.

लाल मिर्च क्या है? यह असल में हरी मिर्च का सूखा हुआ रूप है और बदलाव के बाद इसके पोषक तत्वों में बदलाव आ जाता है. भारत की रसोई में लाल मिर्च एक अनिवार्य घटक है और भोजन में स्वाद, रस व गंध भरने के लिए लाल मिर्च एक अनिवार्य अंग है, इसलिए पूरे भारत में इसे उगाया और उपयोग में लाया जाता है. कहा जाता है कि लाल मिर्च शरीर के लिए नुकसानदायक है, लेकिन फूड एक्सपर्ट, आयुर्वेदाचार्य और डायटिशियन लाल मिर्च के मुरीद हैं और वे इसे ‘संयम’ से खाने की सलाह देते हैं. आखिर शरीर के लिए लाल मिर्च क्यों है खास, हम आपको इसके कुछ खास गुण बताते हैं.

लाल मिर्च के 5 बड़े फायदे

1. पुस्तक ‘VEGETABLES’ के लेखक व भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. बिश्वजीत चौधरी के अनुसार लाल मिर्च भारत की प्रमुख फसलों में से एक है. इसमें कैल्शियम, मैग्निशियम, ओक्सेलिक एसिड, फॉसफोरस, आयरन, सोडियम के अलावा कॉपर, सल्फर सहित विटामिन ए व सी पर्याप्ता मात्रा में पाया जाता है. आयुर्वेद भी लाल मिर्च को विशेष मानता है. भारतीय जड़ी-बूटियों. फलों व सब्जियों पर व्यापक रिसर्च करने वाले जाने-माने आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य बालकिशन के अनुसार लाल मिर्च कफ वात को दूर करने वाली, पित्त को बढ़ाने वाली, वात को हरने वाली, हृदय को उत्तेजित करने वाली, काम की इच्छा जाग्रत करने वाली और बुखार को दूर करने में फायदेमंद होती है. इसकी तीखी प्रकृति के कारण यह लार निकलने में मदद करती है और खाने को हजम करने में मदद करती है.

2. फूड एक्सपर्ट व न्यूट्रिशियन कंसल्टेंट नीलांजना सिंह के अनुसार लाल मिर्च को हार्ट के लिए बेहतर माना जाता है, उसका कारण यह है कि इसमें मौजूद कैप्साइसिन (विटामिन व मिनरल्स व रोगाणुरोधी अवयव) ब्लड में थक्कों (Clot) को बनने से रोकता है, बेड कोलेस्ट्रॉल रोधी है, साथ ही ब्लड के प्रेशर को भी नॉर्मल बनाए रखने में मददगार है. जिसे सांस की समस्या है, उनके लिए भी लाल मिर्च लाभकारी मानी जाती है. लाल मिर्च ट्राइग्लिसराइड को भी रोकती है. यह तत्व हार्ट के लिए बेहद नुकसानदेह माना जाता है.

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3. कहते हैं कि लाल मिर्च पेट में ‘आग’ लगा सकती है, लेकिन एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट और अन्य यौगिक पेट की खराबी, गैस, दस्त और ऐंठन जैसी अन्य डाइजेशन समस्याओं को कूल करने में सहायक हैं. इसमें मौजूद एंटी इर्रिटेट गुण चमत्कारिक रूप से पेट की जलन और अल्सर के लिए प्रभावी माना जाता है. लेकिन सलाह यह है कि लाल मिर्च के अधिक सेवन से बचना चाहिए, वरना समस्याएं पैदा हो सकती हैं.

4. अगर वजन घटाना चाहते हैं तो लाल मिर्च कारगर है. इसमें मोटापारोधी (Anti Obesity) गुण होते हैं, जिस कारण यह मोटापे या वजन बढ़ने के जोखिम कम हो सकता है. लाल मिर्च में कैप्साइसिन नामक अल्कालॉयड (आंतों के लिए लाभकारी) होते हैं. ये तत्व मेटाबॉलिज्म प्रक्रिया को बढ़ाने का काम करते हैं, साथ ही फैट को रोकते हैं. मेटाबॉलिज्म एक अहम शारीरिक और रासायनिक सिस्टम है, जो शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलने का काम कर सकता है.

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5. एक रिसर्च बताती है कि लाल मिर्ची का उपयोग ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द में राहत पाने के लिए उपयोगी मानी जाती है. इसमें मौजूद सारा खेल कैप्साइसिन (Capsaicin) नामक एक खास तत्व का है जो गठिया की समस्या में होने वाले जोड़ों के दर्द, पीठ दर्द, जबड़े के दर्द और अन्य प्रकार के दर्द को कुछ हद तक कम कर सकता है. खास बात यह भी है कि लाल मिर्च में एनाल्जेसिक यानी दर्दनिवारक प्रभाव भी पाया जाता है. लाल मिर्च बॉडी को डिटॉक्सीफाई करने में भी मददगार है.

लाल मिर्च का इतिहास और सफर

हैरानी की बात यह है कि मिर्च भारत की फसल नहीं है, जबकि भारतीय धर्म व आयुर्वेद ग्रंथों ने रसों (भोजन) का विस्तार से वर्णन किया है. इनमें कटु (तीखा) मिर्च जैसे पदार्थों से मिलता है. भारतीय अमेरिकी वनस्पति विज्ञानी सुषमा नैथानी के अनुसार पांच हजार ईसा पूर्व मेक्सिको व मिजो में सबसे पहले पाई गई. भारत में मिर्च लगभग 700 साल पहले ही पहुंची है. फूड हिस्टोरियन मानते हैं कि पुर्तगाली सौदागर वास्को डी गामा (जीवन-काल वर्ष 1460-1524) भारत में जब काली मिर्च लेने आया था, तब वह हरी मिर्च लेकर दक्षिण भारत के तट पर पहुंचा था. इसके बाद भारत में हरी मिर्च का सफर शानदार रहा है. आज भारत इस मिर्च को अमेरिका, जर्मनी, कनाडा, ब्रिटेन, सऊदी अरब, जर्मनी व अन्य देशों को बेचता है. दुनिया में मिर्च का जितना भी उत्पादन होता है, उसमें 25 प्रतिशत हिस्सेदारी भारत की मानी जाती है.

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