हादसे में खो दिया आधा शरीर, फिर भी नहीं मानी हार, BPSC पास कर बने शिक्षक

विशाल कुमार/छपरा. आपने बहुत से दिव्यांगजनों को देखा होगा और उनकी कहानी भी सुनी होगी, लेकिन छपरा के मुकुंद कुमार का कहानी कुछ अलग और बेहद मार्मिक है. जिसको सुनकर आप भी भावुक हो जायेंगे. दरअसल, मुकुंद कुमार का ट्रेन हादसे में शरीर का निचला हिस्सा कट कर अलग हो गया. जिसके चलते उन्हें कई साल घाव के असहानीय पीड़ा से तड़पना पड़ा. इसके बावजूद मुकुंद ने हिम्मत नहीं हारी और संघर्ष करते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया. बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में उत्तीर्ण होकर सरकारी शिक्षक बन गए हैं.

छपरा के राजेंद्र स्टेडियम में जब शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा था. तभी इस दिव्यांग मुकुल का मंच से नाम पुकारा गया तो वहां उपस्थित हजारों लोगों का ध्यान मुकुंद ने अपनी ओर खींच लिया. मंच पर नियुक्ति पत्र लेने के दौरान स्टेडियम में तमाम उपस्थित लोगों ने तालिया से उनका स्वागत किया. नियुक्ति पत्र देने के दौरान अधिकारियों ने भी उनके जज्बे को सलाम किया और उन्हें बधाई दी. मुकुंद कुमार ने बताया कि रेल हादसे का शिकार हो गए थे और उनके शरीर का आधा हिस्सा कटकर अलग हो गया था. मुश्किल समय में भी हिम्मत नहीं हारी और शिक्षण का कार्य करते रहे. इससे पहले भी शिक्षक की नौकरी हासिल की थी, लेकिन स्कूल की दूरी अधिक रहने के चलते नौकरी छोड़ दी. हालांकि, तैयारी को जारी रखा और बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल होकर शिक्षक बन गए.

ट्यूशन पढ़कर अपनी जरूरत को करते थे पूरा
मुकुंद कुमार ने बताया कि अपनी जरूरत को पूरा करने के लिए बच्चों को ट्यूशन पढ़ाया करते थे. उससे होने वाली आमदनी पढ़ाई पर खर्च करते थे. साथ ही परिवार को भी संबल प्रदान करते थे. उन्होंने बताया कि शिक्षक के पद पर तैनाती हो गई है तो नि:स्वार्थ भाव से अपने काम को अंजाम देने का हर संभव प्रयास करेंगे. शिक्षक बनने के बाद इतनी खुशी हो रही है कि इसको शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है. परिवार के सहयोग के बिना यह संभव नहीं था. परिवार और दोस्तों ने हौसला बढ़ाया तो इस मुकाम को हासिल कर पाया.

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FIRST PUBLISHED : November 3, 2023, 11:55 IST

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