इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने मीडिया में प्रकाशित उस खबर पर स्वत: संज्ञान लिया, जिसके मुताबिक इटावा के मुर्दाघर में एक महिला के कंकाल का अवशेष पड़ा हुआ है. अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से विस्तृत जानकारी तलब की है.
HC ने क्या कहा?
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति अजय भनोट ने बृहस्पतिवार को सुनाए गए आदेश में कहा, ‘मीडिया की खबरों में जानकारी दी गई है कि एक महिला का कंकाल पिछले तीन साल से इटावा के मुर्दाघर में पड़ा है.’
उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा, ‘शव की पहचान को लेकर विवाद है. एक परिवार ने दावा किया है कि उक्त मानव अवशेष उनकी लापता बेटी रीता का है. अखबार के मुताबिक डीएनए रिपोर्ट में कोई निर्णायक राय नहीं दी गई है.
एक परिवार बता रहा अपनी बेटी
मीडिया में प्रकाशित खबरों में दावा किया गया है कि परिवार ने कपड़े और कलाई पर बंधे ‘कलावा’ के आधार पर मृतका की पहचान की थी. हाईकोर्ट ने ने राज्य के साथ-साथ पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिया कि विस्तृत जानकारी दे कि मुर्दाघर में रखे किसी शव का अंतिम संस्कार कितने समय में किया जाता है और इस मामले में देरी क्यों हुई.
अदालत ने अधिवक्ता नितिन शर्मा को मामले में सहायता के लिए न्याय मित्र नियुक्त किया और मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर 2023 को सूचीबद्ध कर दी.
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FIRST PUBLISHED : October 29, 2023, 07:52 IST