हर दिन 20 मिनट…30 फीट गहरे पानी से जंग, ग्रामीण बोले- पुल नहीं तो अब वोट नही

मोहित राठौर/शाजापुर : शाजापुर जिले के दास्ताखेडी गांव से कालीसिंध नदी निकली है और यहां पुलिया नही बनने से किसानों को जान जोखिम में डालकर नदी पार करना पड़ रही है. इस गांव के किसानों की आधी से भी अधिक जमीन नदी के उस पार और गांव इस पार है. गांव के 300 परिवार पिछले 8 वर्षों से हर दिन 20 मिनट तक 30 फीट गहरे पानी पर मौत की सवारी कर 5 सौ फीट की दूरी तय करने को मजबूर है.

ग्रामीण नदी को पार करने के लिए जुगाड की नाव, ट्यूब एवं रस्सी का सहारा ले रहे हैं. ग्रामीणों ने बार-बार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से पुल बनाने की मांग की लेकिन किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों ने नारेबाजी करते हुए अब विधानसभा चुनाव के बहिष्कार करने का निर्णय लिया.

ग्रामीण समस्या से जूझ रहे

कालीसिंध नदी पर पुल नहीं बनने से दास्ता खेड़ी व वजीरपुर खेड़ा के किसानों की लगभग 3 हजार बीघा जमीन नदी के उस पार है. किसानों की गांव से अपनी जमीन की दूरी महज 1 किलोमीटर ही है और सुरक्षित पहुंचने के लिए 40 किलोमीटर का लंबा चक्कर लगाना पड़ता है. किसान जिसके चलते एक किलोमीटर का सफर जान जोखिम में डालकर पूरा कर रहे हैं. 8 वर्ष पहले वजीरपुर खेड़ा के पास बैराज बना है, तब से ही यहां के ग्रामीण इस समस्या से जूझ रहे हैं.

पुल नहीं तो वोट नहीं

ग्रामीणों ने बताया इस बार हम किसी को वोट नहीं देंगे. जब तक पुल नहीं बनेगा,हर चुनाव का बहिष्कार करेंगे. पांच वर्षों में गांव में नदी पार करने के दौरान पांच ग्रामीणों और 50 से ज्यादा मवेशियों की मौत हो चुकी है. आखिर कब तक जान जोखिम में डालते रहेंगे.

नेताओं के खोखले वादों पर अब नहीं होता ऐतबार

चुनाव के समय नेता गांव आते हैं और ग्रामीणों को नदी पर पुल बनाकर उन्हें इस समस्या से छुटकारा दिलाने का सपना दिखाकर चले जाते हैं. गांव के किसान विक्रम सिंह, अर्जुन सिंह, नागू सिंह, विक्रम केवट एवं युवा नरेंद्र सिंह के साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने News18 को अपनी पीड़ा बताते हुए कहा कि हमारा गांव शुजालपुर विधानसभा में आता है और यहां के विधायक मप्र सरकार के मंत्री भी है.

पिछले 8 साल से नेताओं के झूठे वादों से तंग आकर अब ग्रामीणों ने अपने ईष्ट हनुमान जी की शपथ लेकर चुनाव का बहिष्कार करने का संकल्प लिया है. संकल्पित ग्रामीण बोले कि जब तक हमारी इस समस्या का निदान नहीं हो जाता, तब तक हम किसी को भी वोट नहीं करेंगे. हमें अब नेताओं के खोखले वादों पर बिल्कुल ऐतबार नहीं रहा.

गांव के सरपंच का कहना

गांव दास्ताखेड़ी के सरपंच कालूराम मालवीय ने बताया कि ग्रामीणों की समस्या वाकई गंभीर है.नदी पर पुल निर्माण के लिए ग्रामीण बरसों से मांग करते आए हैं. पिछले वर्ष कलेक्टर को अवगत करवाया था, जिसके चलते पूल निर्माण के लिए नदी पर सर्वे भी किया जा चुका है.

जिम्मेदार अधिकारियों का कहना

कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया ग्राम दास्ताखेड़ी में किसान जान जोखिम में डालकर पुल पार कर रहे हैं. इसके लिए पहले भी पुल निर्माण हेतु राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा गया था, फिर से मैं वापस भिजवा रहा हूं और वहां शीघ्र ही पुल का निर्माण करवाया जाएगा.

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