“हर कार में 2-3 शव”: इज़रायल में म्यूजिक फेस्ट में हमास ने कुछ इस तरह बरपाया कहर

इज़रायल सहित कई देशों के लोग ले रहे थे हिस्सा

शुक्रवार से शुरू हुए इस म्यूजिक फेस्ट में इज़रायल और कई अन्य देशों से लगभग 3,500 इलेक्ट्रॉनिक संगीत प्रशंसक गाजा सीमा से सिर्फ पांच किलोमीटर (तीन मील) दूर हो रहे इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस कार्यक्रम के लिए तीन स्टेज का निर्माण किया गया था,कैंपिंग की जगह बनाई गई थी.

सुबह के करीब 6:30 बजे हुए हमले

लेकिन 7 अक्टूबर को जैसे ही भोर हुई, संगीत अचानक बंद हो गया. सुबह के करीब 6:30 बजे थे. दूर से ऐसी आवाज़ें सुनाई दे रही थीं जिनका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं था.लाउडस्पीकर ने चेतावनी दी गई. दोस्तों, रेड अलर्ट. आकाश में चिंगारियां उठीं, जिसके बाद रॉकेटों का विस्फोट हुआ, जिन्हें इज़राइल की वायु रक्षा प्रणाली आयरन डोम ने रोक लिया था. वे आने वाले खतरे का पहला संकेत था.  खतरा को देखकर लोग भागने लगे लेकिन जल्द ही उन्हें एहसास हुआ कि उनके आसपास कुछ ऐसा हो रहा है जो उनकी समझ से बहुत परे है.

बंदूकधारियों की भीड़ आ रही थी.  वे पैदल, मोटरसाइकिल से या स्वचालित हथियारों की गड़गड़ाहट के साथ हवा के मार्ग से पहुंचे थे. लोगों ने कहा कि 10-20 मीटर की दूरी से लोगों को गोलियों से मारा जा रहा था. हमलावरों के रास्ते में जो भी मिले उन्हें उनलोगों ने मार गिराया. घटनास्थल पर मौजूद सुरक्षा गार्ड और पुलिस घबरा गए और उन्हें निशाना बना लिया गया. 

जान बचाने के लिए जूझ रहे थे लोग

हर कोई अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहा था, कुछ लोग साइट के आसपास के खेतों की ओर भाग रहे थे, जबकि अन्य लोग कार्यक्रम के कार पार्किंग में से एक में अपने वाहनों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे.लेकिन कुछ ही देर में ट्रैफिक जाम लग गया.

प्रत्य़क्षदर्शी मोर्दचायेव ने कहा कि मैंने पीछे मुड़कर देखा और देखा कि मेरे पीछे की कार में तीन लाशें थीं, और सभी कारों की खिड़कियां टूट गईं थी. बस दो ही विकल्प थे: छिपना या आसपास के खेतों में अपनी जान बचाने के लिए भागना. मोर्दचेयेव ने बाद वाला चुना.वह घबराकर एक झाड़ी से दूसरी झाड़ी की ओर भागा, जब तक कि पहले से ही खचाखच भरी एक कार में उसे जगह नहीं मिल गई. लेकिन जिस रास्ते से वो जा रहे थे वो बहुत अधिक सुरक्षित नहीं था. 

लाशों को उठाने वाले एक इजरायली स्वयंसेवक मोती बुक्जिन ने एएफपी को बताया कि प्रत्येक कार में दो या तीन शव थे. उन्होंने आगे कहा, “सुरक्षा बलों के वहां पहुंचने तक आतंकियों के पास काफी समय था. कुछ कारों को अंदर लोगों के साथ जला दिया गया. नरसंहार के कई दिनों बाद भी, मृतकों के लिए अभी भी शोक मनाया जा रहा है, लेकिन साथ ही लापता लोगों की तलाश कर रहे परिवार वाले परेशान हैं. 

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