अभिनव कुमार/दरभंगा: खेती में बीज महत्वपूर्ण हिस्सा है. इसके चयन को लेकर किसान काफी सजग रहते हैं. गलत बीज मिल जाए तो किसानों को भारी नुकसान भी सहना होता है. ऐसे में खेती के दौरान सही बीज का चयन करना बेहद महत्वपूर्ण है. खासकर सब्जी की खेती में बीज पर बारीक नजर रखनी होती है. उन्नत बीज ही बेहतर पैदावार दे सकता है. हालांकि अब हरी सब्जियों की खेती के लिए कई प्रकार के उन्नत बीज बाजार में मिलने लगे हैं. जिससे किसान अधिक मुनाफा भी कमा सकते हैं. डॉ. राजेन्द्र प्रसाद केंद्रीय विश्वविद्यालय से प्रमाणित हरी सब्जियों के कुछ बीज हैं, जिसे उन्नत किसम का माना जाता है. कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि ये बीज उत्तर बिहार की मिट्टी के लिए उपयुक्त है.
उन्नत बीज को उपचारित कर बोने से किसानों को होगा अधिक मुनाफा
कृषि वैज्ञानिक डॉ. एसके सिंह ने बताया कि भिंडी, लौकी, नेनुआ और करेले की कई उन्नत बीज अब उपलब्ध है. जिसे किसान गर्मी के दिनों में अपने खेत में लगा सकते हैं. परभनी क्रान्ति, अर्का अभय, अर्का अनामिका, वर्षा उपहार, केएस-312 भिन्नी की उन्नत वैरायटी वाला बीज है.
इसके अलावा लौकी के लिए राजेंद्र चमत्कार, पूसा समर प्रोलिफिक लॉन्ग, पूसा समर प्रोलिफिक राउंड बीज है. वहीं नेनुआ के लिए राजेंद्र नेनुआ -1, पूसा चिकनी, पूसा प्रिया, कल्याणपुर चिकनी बीज है. करेला के लिए पूसा दो मौसमी, पूसा विशेष, कोयंबटूर लॉन्ग, पंत करेला और कल्याणपुर बारहमासी अनुशंसित किस्म की बीज है. इन बीजों को उपचारित कर बोने से किसानों को अधिक मुनाफा प्राप्त होगा.
गरमा मक्का की खेती के लिए इन बातों का किसान रखें ध्यान
कृषि वैज्ञानिक एसके सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गरमा मक्का की बुआई के लिए निचली भूमि का चयन करें. इससे फायदा यह होगा कि सिंचाई की बार-बार जरूरत नहीं पड़ेगी. एक बार पटवन कर देने के बाद खेत में पानी टिका रहता है. जहां सिंचाई की सुविधा रहे वहीं गरमा मक्का की खेती किसान करें.
उन्होंने बताया कि जुताई से पूर्व खेतों में प्रति हेक्टेयर 10 से 15 टन गोबर का खाद, 50 किग्रा नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम स्फूर और 30 किलोग्राम पोटाश का उपयोग करें. वहीं बुआई के लिए सुवान देवकी, गंगा 11, शक्तिमान 1, 2, 3, 4 और शक्तिमान 5 किस्में अनुशंसित हैं. 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर के दर से बुआई करनी चाहिए. इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 2.5 ग्राम थीरम या कैपटाफ द्वारा उपचारित करने के बुआई करने से अंकुरण क्षतमा में वृद्धि होती है और पौधे में ग्रोथ तेजी से होता है.
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FIRST PUBLISHED : March 5, 2024, 14:24 IST