जींद. न्याय संहिता विधेयक और ‘स्टेज कैरिज परमिट स्कीम’ को रद्द करने समेत 30 सूत्रीय मांगो को लेकर हरियाणा के राज्य सड़क परिवहन विभाग (हरियाणा रोडवेज) के कर्मचारियों ने बुधवार को बसों का चक्का जाम करने का ऐलान किया है. सरकारी बसों का संचालन ठप होने से यात्रियों को परेशानी होना तय है.
हालांकि, निजी बस संचालकों ने ऐलान किया है कि वह अपनी बसें चलाएंगे. इससे स्थानीय मार्गों पर कम समस्या होगी, लेकिन दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, हिसार, पंचकूला समेत दूर स्थित अन्य स्थानों से जुड़े मार्गों पर दिक्कत बढ़ सकती है.
कर्मचारियों की मांग है कि चालकों को अड्डा इंचार्ज का नया पद सृजित करके प्रमोशन दिया जाए. जोखिम भरी ड्यूटी करने वाले सभी कर्मचारियों को 5000 रुपये का जोखिम भत्ता दिया जाए. साथ ही वर्कशॉप और स्टोर के वंचित कर्मचारियों को तकनीकी वेतनमान दिया जाए.
इसके अलावा, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, चालक-परिचालक के वेतन विसंगति को दूर करना, रोडवेज में लगे डी ग्रुप के कर्मचारियों को प्रमोशन देना, 2016 के चालकों को पक्का करना, पुरानी पेंशन नीति बहाल करना, कर्मचारियों के लिए अर्जित अवकाश की सुविधा की भी मांग हरियाणा रोडवेज वर्कर्स यूनियन कर रहा है.
पिछले माह रोडवेज कर्मचारियों ने किया था सीएम के शिविर का घेराव
कर्मचारी साझा मोर्चा के आह्वान पर न्याय संहिता विधेयक रद्द करने और ‘स्टेज कैरिज परमिट स्कीम’ को रद्द करने समेत 30 सूत्रीय मांग पत्र को लेकर 24 दिसंबर को रोडवेज कर्मचारियों ने करनाल में मुख्यमंत्री के शिविर का घेराव किया था.
उस समय 10 जनवरी से पहले मोर्चा के साथ बैठक करवाने का आश्वासन मंत्री द्वारा दिया गया था, लेकिन बैठक अभी तक नहीं हो पाई है. इससे नाराज कर्मचारियों ने 24 जनवरी को चक्का जाम का ऐलान किया था.
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FIRST PUBLISHED : January 23, 2024, 21:40 IST