हरदोई16 मिनट पहले
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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि महिला अपराध को कारित करने वालों का इंतज़ार अगले चौराहे पर यूपी पुलिस कर रही है। हरदोई में सीएम के इस आदेश का पुलिस ने पूर्णतः पालन किया हालंकि नवागंतुक एसपी ने भी आते ही स्पष्ट किया था कि शासन की मंशारूप अपराधियों को गोली की भाषा में ही जवाब दिया जायेगा, जिसकी बानगी आज देखने को मिली, हालंकि पुलिस की स्क्रिप्ट पूरे मामले में कमज़ोर है लेकिन पीठ की थपथपाहट जरूर भरपूर है।
हरदोई के पिहानी कस्बे में गणेश महोत्सव के दौरान गणेश विसर्जन कार्यक्रम में 15 वर्षीय किशोरी को अफजल नाम के युवक ने छेड़ा था जिसके बाद स्थानीय लोगों ने आरोपी को पीटने के बाद पुलिस के हवाले कर दिया।
घटना से आहत 14 वर्षीय किशोरी ने मंगलवार की सुबह घर के अंदर पंखे के कुंड से दुपट्टा बांधकर फांसी लगा ली लेकिन घटना के ऐन वक्त पर उसकी मां ने उसे फांसी लगाते देख लिया, आनन फानन में परिवार के लोगों ने उसको नीचे उतारा और अस्पताल ले जाया गया। जहां उसकी हालत को नाजुक देखते हुए लखनऊ के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया।
यहां से शुरू हुई पुलिस की व्यू रचना
घटना के बाद एसपी दुर्गेश कुमार सिंह का आधिकारिक बयान आया कि आरोपी की तलाश की जा रही है अभियोग पंजीकृत कर लिया गया है। पीड़ित परिवार ने आज सुबह पुलिस को सूचना दी। इस बयान में पुलिस पूरे मामले की लीपापोती में जुटी हुई थी क्योंकि जिस भीड़ ने आरोपी को पकड़ के सोमवार की रात में ही पुलिस के सुपुर्द कर दिया था, तो आखिर आरोपी कहां और कैसे गया और कैसे पुलिस को पूरे मामले की जानकारी नहीं थी यह एक बड़ा सवाल जरूर है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदोई में, तो शाहबाद क्या करने गए
शाम को पुलिस की तरफ से सूचना मिलती है कि आरोपी अफजल को पुलिस ने मुठभेड़ में पैर पर गोली मारी है। घायल अवस्था में उसको हरदोई के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया और यह घटना इस वजह से हुई क्योंकि आरोपी कांस्टेबल की रिवाल्वर छीन कर भाग रहा था, जवाबी कार्यवाही में पुलिस ने उसको गोली मारी।
बड़ा सवाल यहां पर जरूर उठता है कि जब न्यायिक मजिस्ट्रेट हरदोई में बैठते हैं तो पिहानी पुलिस आरोपी को लेकर शाहाबाद क्या करने जा रही थी, मझिला के रास्ते से गुजरने की क्यों आवश्यकता पड़ी क्योंकि शाहाबाद में तो प्रशासनिक अधिकारी बैठते हैं भारतीय दंड संहिता की धारा 354 व 7/8 पाक्सो एक्ट के तहत आरोपी को एक जुडिशियल मजिस्ट्रेट के सामने ही पेश किया जा सकता है।
हालांकि इस बाबत एसपी केशव चंद गोस्वामी से जब जानकारी चाही गई तो उनका फोन पीआरओ ने रिसीव किया और बताया की छेड़छाड़ में 7 वर्ष से कम सजा है, इसलिए चालान 151 यानी शांति भंग में किया था तो शाहबाद एसडीएम के सामने पेश करने ले जा रहे थे।